
बिलासपुर। कभी -कभी जिंदगी में वो मुकाम हासिल होता है जिसकी कल्पना कभी आप खुद नहीं कर सकते हैं एक दिन की कलेक्टर बनकर कालेज की छात्रा ने इतिहास रचा है वह काबिले तारीफ है लेकिन पहले ही दिन नए कलेक्टर को असुविधाओं का सामना करना पड़ा,वह बात भी किसी से छिपी नहीं है।
अपने टाइम से पहुंची एक दिन की कलेक्टर जिसे शेडो कलेक्टर कहा जा रहा है इसका नाम चेतना देवांगन है जो हंसा विहारमें रहती है इसने परीक्षा देकर एक दिन का कलेक्टर बना है मंगलवार को साढ़े दस बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंची शेडो कलेक्टर को थोड़ी नहीं बल्कि डेढ़ घंटे जिला कलेक्टर पी दयानंद का इंतजार करना पड़ा इसके बाद टीएल की बैठक में कुर्सी को लेकर खींचातानी मची रही आखिरकार छोटी कुर्सी में बिठाकर उनका स्वागत किया गया ,वहीं मीडिया से बात करके शेडो कलेक्टर ने कहा कि उनको अच्छा लग रहा है यह एक बेहतर कार्य है जिसको जिम्मेदारी के साथ करना है/
जिले के अफसरों से मिलकर कालेज की छात्रा ने अपने आपको बहुत ज्यादा गौरान्वित महसूस किया ,कहा कि मुझे भी आईएएस बनना है और समाज की सेवा करना है यह अनुभव मेरे लिए काफी यादगार रहेगा /
इधर जिले के कलेक्टर ने शेडो कलेक्टर को लेकर अपनी कुछ बातें कही,कहा कि शासन के निर्देश पर एक परीक्षा पास करके बीए की छात्रा को एक दिन का कलेक्टर बनाया गया है,जिसको काफी कुछ सीखने का मौका मिल सकेगा , नए कलेक्टर को भले यह अहसास न हुआ हो लेकिन जो देखा गया वह किसी शर्म नाक बात से कम नही रहा जबकि देखा जाए तो शासन के निर्देश पर शेडो कलेक्टर बनाया गया है न कि कोई अपनी मर्जी से आया है /बहरहाल मंगलवार को सीईओ फरिहा आलम सिद्दीकी की बात हर कोई करता रहा जिसने शेडो कलेक्टर को कुछ नहीं समझा /