ब्रेकिंग
खड़कपुर मंडल रेल हादसा: रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर बिलासपुर: संभागीय सम्मेलन को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी मिली विजय और शैलेश को बिलासपुर: एआईसीसी अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रथम मस्तूरी विधानसभा आगमन पर सोनसरी ... बिलासपुर: SECL के गेस्ट हाउस की बिजली गुल, केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे पसीना पोंछते हु... कला विकास केंद्र बिलासपुर की छात्रा साई श्री इजारदार कथक में केंद्रीय छात्रवृत्ति के लिए चयनित बिलासपुर: कोटवार, पटवारी और राजस्व अधिकारी के रहते रमतला की सरकारी जमीन आरोपी प्रवीण पाल के नाम से क... बिलासपुर: 5 सरपंच एवं 12 पंच पदों के लिए 27 जून को उप चुनाव बिलासपुर: इस TI ने पुलिस की छवि को किया धूमिल, आम लोग दहशत में बिलासपुर के कराते खिलाड़ियों ने 44 स्वर्ण, 22 रजत एवं 21 कांस्य पदक जीतकर जिले का नाम किया रोशन बिलासपुर: यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 28 मई को बिलासपुर में, 36 दिव्यांग सहित 5532 परीक्षार्थी 22 ...

मीडिया के इस सवाल से रेलवे अधिकारीयों को लगा झटका ……

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे व्यस्तम और कमाऊपूत रेलवे जोन बिलासपुर की स्थापना के लिए प्रदेश के सभी दलों के लोगों की अथक मेहनत ,धरना ,आंदोलन वार्ता का नतीजा   यह रहा कि हमारे बिलासपुर रेल मंडल को नया जोन बनने का अधिकार मिला।

मालूम हो कि इस रेलमंडल को सदैव रेलवे के उच्चाधिकारियों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता हैं और रेलवे के ये उच्चाधिकारी अपने मनमाने फैसलों से आम जनता यात्रियों के लिए परेशानियां भी पैदा करते हैं दिल्ली बोर्ड ,कोलकाता के उच्चाधिकारियों के आगमन से पहले यहां अपनी व्यवस्था दुरुस्त करने की आदत हैं फिर पुराने रवैये पर आ जाते हैं। और अपनी इन्हीं कमियों को छिपाने ये अधिकारी मीडिया से भी दूरी बनाय उच्च  अधिकारी बोर्ड के चेयरमैन को भी गुमराह करने से नहीं चूके।

हाल में चेयरपर्सन ऑप रेलवे बोर्ड अश्वनी लोहानी  का बिलासपुर आगमन हुआ था। यहां के जिम्मेवार रेलवे अधिकारीयों ने मीडिया के लिए अल्प समय का प्रेस कॉन्फ्रेंस रखा था।

चेयरपर्सन ऑप रेलवे बोर्ड अश्वनी लोहानी की सरलता को लेकर सवाल नहीं है/ रेलवे  की व्यवस्था को सुधारने  की उनकी मनोकामना को लेकर संशय नहीं /वह सच्चे मन से अपनी बात कह रहे थे , इससे भी इनकार नहीं /

पर लगता है कि रेलवे को घेरने वाले जटिल सवालों की गंभीरता से या तो वह वाकिफ नहीं हैं, वाकिफ होना नहीं चाहते या जोन अधिकारीयों ने उन्हें वाकिफ होने नहीं दिया है/

काफी समय बाद इतना बड़ा अधिकारी बिलासपुर आया था /उम्मीद थी कि वह अपने बातें दमदार तरीके से कहेंगे/

उनसे काफी तीखे सवाल पूछे गए, जिनके तीखे जवाब देने के बजाय वह सवालों को टालते नजर आए/

उनसे पूछा गया कि एस्ट्रोटर्फ नहीं होने से जोन के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए रायपुर और रांची जाते हैं,2010 में बिलासपुर में एस्ट्रोटर्प के लिए 5 करोड़ मिले। बावजूद इसके हाकी मैदान नहीं बनाया गया। 2017 में ढाई ढाई करोड़ रूपया रायबरेली और चेन्नई के बीच बांट दिया गया। ब्याज का एक करोड़ 70 लाख रूपए कहां है।

ऐसे सवालों के जवाब में उन्होंने जोन के अधिकारीयों से बात करने को कहा ।

बिलासपुर जोन के अधिकारी चेयरमैन से अपनी खोखली उपलब्धि  दिखा कर वाहवाही लूट ली।

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9977679772