
बिलासपुर। धान खरीदी अब आखरी चरण पर आने लगा है…. 31 जनवरी आखरी दिन है…..इसके पहले ऐसा माना जा रहा है की धान खरीदी और ज्यादा हो सकती है लेकिन पिछले साल की अपेक्षा में इस साल की तुलना की जाए तो हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं …..आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा में अब तक 60 हजार क्विंटल धान कम आया है…..दरसल हम इस बात को भी नकार नही सकते कि जिले में इस साल बारिश नही की बराबर हुई…..अगर बारिश होती तो शायद इस बार धान खरीदी की स्थिति कुछ और रहती….खैर हम अब की और अभी की स्थिति में बात करे तो धान खरीदी में किसानों की भी खास रुचि नहीं रही…..ऐसे कई धान खरीदी केंद्र है जहां पर नाम मात्र का धान आया है……बाकी कई जगहों में धान खरीदी को लेकर कोई भी संतोष नही हुआ है……अफसर भी ये बात मानने रहे हैं कि सूखे की मार ने किसानों और सरकार की उम्मीद पर पानी फेर दिया है…..अगर बारिश बेहतर हुई रहती तो शायद किसानों को किसी चीज की कोई चिंता नही रहती……धान खरीदी में यह बात भी सामने आई है कि कम धान आने से उठाव में भी किसी तरह की कोई दिक्कत नही है….लेकिन जब हम मौके पर जाकर केंद्रों का निरीक्षण करते हैं तो वास्तविकता कुछ और कहती है..जिसे खुद कलेक्टर भी मानने को तैयार नहीं ,खैर छोड़िए ,,,क्योंकि सरकार के खिलाफ कोई अफसर बयान नहीं दे सकता……क्योंकि जिले के मुखिया भी मीडिया में यही कह रहे हैं कि धान खरीदी अब तक बेहतर हुई है और परिवहन में भी कोई शिकायत नहीं आई है /
धान खरीदी को लेकर कोई कुछ भी कहें लेकिन हम इस बात से अंजान नही बन सकते कि धान खरीदी में गड़बड़ी नही की जाती….लाखों का वारा न्यारा करने में अधिकारी और कर्मचारी जूझे रहते हैं …धान में कब लाखों का खेल हो जाये किसी को हवा तक नही लगती….बहरहाल कई किसानों के लिए दीपावली है तो कई किसानों के लिए सूखे का त्यौहार…… जिसमें किसान रो सकता है लेकिन मुस्कुरा नहीं सकता।