बिलासपुर। राजीव गाँधी चौक के पास में आवारा कुत्तों का आतंक नागरिकों को भयभीत कर रहा है। आज इसी प्रकार के एक पागल कुत्ते ने लगभग 30 लोगों को काट कर घायल कर दिया। इस घटना से चौक में अफरा-तफरी मच गयी। उक्त पागल कुत्ते के राह में जो भी पड़ा उसे वह काटते चला गया।
30 लोग पहुंचे सिम्स
कुत्ता काटने के बाद कई लोग टीका लगवाने के लिए सिम्स पहुंचे। जहां एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाया गया। निगम के पास अब तक कोई प्लान नहीं।
दूसरी ओर आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार होती जा रही वृद्धि ने गली कूचों को कौन कहे मुख्य सड़क पर इनका आतंक कायम हो गया। शाम ढ़लने के बाद बाइक की कौन कहे मोटरकार के पीछे भी कुत्तों का झुंड भौंकते हुये काफी दूर तक दौड़ता है। यहा दृश्य देखते ही पैदल यात्रियों की हालत खराब हो जाती है। कुत्ते का काटना आज के विकसित मेडीकल साइंस के युग में भी भय का कारण बना हुआ है। एक जमाना वह भी था जब कुत्ता के काटने पर लोग सात अलग-अलग कुंए में झांक कर टोटका किया करते थे और झाड़फूंक कराया करते थे। तब भी कुत्ते का काटना ठीक नहीं माना जाता था। तब से अब तक इस भय में कोई अंतर नहीं पड़ा है। इधर नगर निगम के अधिकारी आवारा कुत्तों को पकड़ने में कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाते हैं चर्चा का विषय बना हुआ है।
कैसे पहचानें पागल कुत्ते को
जिला अस्पताल के सीएस डा. व्हीके अग्रवाल ने बताया कि पागल कुत्ता एक जगह पर नहीं बैठता। इसके अलावा वह सीधा नहीं चलता, इसके अलावा उसे खाने पीने की सुध नहीं रहती इस वजह से वह सूख जाता है, उसकी पूंछ सीधी हो जाती है और व आड़े-तिरछे भागते हुए सामने में जो भी मिल जाता है उसे अपना शिकार बना लेता है। जब कोई कुत्ता ऐसी हरकत करे तो लोगों को सावधान व सतर्क हो जाना चाहिए।
एंटी रैबीज है बेहतर इलाज
डॉ.का कहना है कि पागल कुत्ते के काटने पर एंटी रैबीज ही उसका बेहतर इलाज है। अस्पताल में यह टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, किसी को कुत्ते काटे तो तत्काल प्रभावित स्थान को साबुन या डेटाल से साफ कर दें इसके बाद अस्पताल आकर रैबीज का इंजेक्शन लगवाएं।