बिलासपुर।
लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) द्वारा कराए जा रहे राजस्व मंडल-उसलापुर 4 लेन रोड के निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की जबरदस्त अनदेखी की जा रही है। यह अनदेखी किसी रोज बड़े हादसे का सबब भी बन सकती है।
लोक निर्माण विभाग ने इस 4 लेन सड़क के निर्माण कार्य के लिए लल्लन तिवारी को ठेका दिया हुआ है। निर्माण कार्य गुणवत्ता के लिहाज से तो रामभरोसे चल रहा है और साथ ही इसे बनाने के दौरान जो सुरक्षा मापदंड अपनाने चाहिए वे नहीं अपनाए जा रहे। ट्रैफिक संचालन के बीच सड़क का निर्माण करना चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में जब सड़क के दोनों साइड पर काम चल रहा हो तो उस पर ट्रैफिक को रोकने के लिए अवरोधक लगाए जाते हैं।
ठेकेदार के पास सुरक्षा मानक के लिहाज से अवरोधक ही नहीं हैं। लिहाजा कर्मचारियों को यातायात डायवर्सन के लिए जुगाड़ तरीकों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। शाम ढलने के बाद यह सड़क अंधेरे में गुम हो जाती है। दूर तक कहीं कुछ दिखाई नहीं पड़ती।
ऐसे में चल रहे वाहन भूलवश सड़क के दोनों तरफ सड़क निर्माण के किए गए गड्ढे में गिर सकते हैं ।
लग रहा है ट्रैफिक जाम
सड़क के निर्माण कार्य के चलते अकसर ट्रैफिक जाम की समस्या आ रही है। जब जाम लगता है तो काफी देर तक वाहन इसमें फंसे रहते हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि निर्माण कार्य भीड़भाड़ और व्यस्त इलाके में हो रहा है तो कम्पनी की ओर से कार्यस्थल पर ख़तरा वाले क्षेत्र में बोर्ड,चेतावनी स्लोगन ,खतरा को चिन्हित कर लाल फीता से घेरना,दिन में धूलकण से बचने के लिए पानी छिड़कवाना, पुल में लगने वाले रॉड को चदरा से घेरना व् अन्य कई जरूरी काम है जो सेफ्टी के लिए किया जाता है उसमे से एक भी यहाँ नहीं किया गया है। धूलकण के कारण दुर्घटना ,बाहर निकले अनियंत्रित रॉड से कई लोगों का घायल होने की जानकारी मिली है । इस तरह का लापरवाही बरतने वाली कम्पनी को काम कैसे मिल गया ये समझ से बाहर है। अभी तक कम्पनी ने बोर्ड लगाकर स्टीमीट को सार्वजिक नही किया है।
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लोनिवि भी यही चाहता है कि कार्य जल्दी से जल्दी निपटा जाए। इसके कारण बहुत से लोग प्रभावित हो रहे हैं लेकिन सच तो यह भी है कि इस तरह के विकास कार्य से थोड़ी असुविधा तो होती ही है। हां, जहां तक सुरक्षा का सवाल है, वह वाजिब बात है। किसी भी कार्य के कारण किसी को क्षति व जान माल का नुकसान हो, यह कतई नहीं होना चाहिए। इस बारे में संज्ञान लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश देंगे।
– मधेश्वर प्रसाद , कार्यपालन अभियंता, लोनिवि