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सेनेटरी नैपकिन को GST मुक्त करने का स्वागत……..

रायपुर। युवा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद तिवारी ने कहा है कि महिलाओं के लिए अनिवार्य, सेनेटरी नेपकीन पैड पे 12% GST लगाने का जमकर विरोध करते हुए प्रदेश में चरणबद्ध अभियान चलाया गया था, जिसके प्रथम चरण में सबसे पहले प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को पत्र लिख सेनेटरी पैड से GST हटाने मांग की गई, द्वितीय चरण में सेनेटरी पैड से GST हटाने हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, तृतीय चरण में पैदल मार्च निकाला गया, इसके पश्चात चौथे चरण में प्रदेश के सांसदों से समर्थन पत्र मांगा गया। पांचवे चरण में देश की सभी राज्यसभा, लोकसभा के 769 सांसदों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पत्र भेज सेनेटरी नेपकीन से GST हटाने 15 दिवस में समर्थन पत्र मांगा गया।

                               प्रदेशाध्यक्ष विनोद तिवारी ने आगे बताया कि पत्र में लिखा गया कि अगर आपके द्वारा महिलाओं के लिए अनिवार्य सेनेटरी पेड से GST हटाने समर्थन पत्र नहीं दिया गया तो समर्थन न देने वालों के विरोध में 15 दी के बाद सेनेटरी पैड स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे गए। उन्होंने बताया कि 2 महीना गुजर जाने के बावजूद 4 मंत्रियों के कार्यालय से व 4 सांसदों के अलावा बाकी सांसदों द्वारा समर्थन पत्र नहीं मिला, तब युवा जनता कांग्रेस के कार्यकर्ता जय स्तंभ चौक स्थित मुख्य डाकघर पहुंचकर अनोखा प्रदर्शन किया। इसमें दर्जन भर युवाओं ने 6 फीट के पैड पहन रखे थे।

                         उन्होंने बताया कि प्रदर्शन दौरान कार्यकर्ता हाथों में सेनेटरी पैड व तखतियां लिए हुए 677 सांसदों के नाम से लिफाफे रखकर समर्थन पत्र नहीं देने वाले सभी पुरूष सांसदों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से सेनेटरी नेपकीन पैड भेज विरोध दर्ज किया गया एवं समर्थन न देने वाली महिला सांसदों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से खेद पत्र भेज विरोध किया।उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार कंडोम को मेंडिकल डिवाइस की श्रेणी में रख सकती है तो सेनेटरी नेपकीन को क्यों नहीं?

                             वे आगे कहते हैं कि भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति की भयावह स्पष्ट होती है। गरीबी के चलते ग्रामीण महिलाएं सेनेटरी का खर्च नहीं उठा पाती तथा माहवारी के वक्त, पुराने कपड़े, राख, मिट्टी आदि वस्तुओं का इस्तेमाल करती हैं। मेडिकल काउंसिल की रिपोर्ट कहती हैं कि इस तरह की असुरक्षित चीजों के इस्तेमाल से कैंसर तक का खतरा हो सकता हैं। भारत मे पहले से ही महंगे सेनेटरी नेपकीन के कारण 80% महिलाएं इसका उपयोग नही कर पाती अब सरकार द्वारा 12% GST लगाने से नेपकीन और भी मंहगी हो गयी है। अब स्थितियां और भी ज्यादा खतरनाक हो गयी है। 

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