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बैंको के राष्ट्रीयकरण की 50वीं वर्षगांठ संपन्न….

बिलासपुर। बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 50वीं वर्षगांठ पर एआईपीएनबीओए की बिलासपुर इकाई ने संस्था की ओर से सभी को बधाई प्रेषित की है। इस अवसर पर एआईपीएनबीओए ने वित्तीय राष्ट्रीयकरण के दीर्घायु में अपनी-अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का भी संकल्प लिया।
इस दौरान बिलासपुर मंडल सचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि आज के वातावरण में हमारी इस उपलब्धि के लिए कोई और नहीं बल्कि स्वयं ही हमारी स्वदेशी सरकार है। ऐसे में जब हमको हमको अपने अस्तित्व से ही खतरा हो तो हमें संगठन के प्रति अपना संपूर्ण समर्पण और अनुशासित होने की आवश्यकता होती है, उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हम सब मिलकर जय जवान, जय किसान, जय मजदूर, जय औद्योगिक, नारा लगाकर दृढ़ संकल्पित होना होगा।

उन्होंने बताया कि 1968 में 14 निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया गया। इसके पश्चात 15 अप्रैल 1980 में 6 और निजी बैंकों को भी राष्ट्रीयकृत किया गया। बैंकों के राष्ट्रीयकरण सिद्धांतों को प्राप्त करने की दिशा में यह एक विशाल कदम था। आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बैंकिंग क्षेत्र को बदल दिया। इससे बैंकिंग सेवाओं का महत्वपूर्ण विस्तार और वित्तीय समावेश सुनिश्चित होने लगा। प्राथमिक क्षेत्र मानदंडों के माध्यम से कृषि में क्रेडिट प्रवाह और छोटे उद्योगों की भी प्रगति में बैंक अपनी सहभागिता देने लगे। 1969 में भारत में बैंक की कुल संख्या 8,262 थी जबकि आज मार्च 2018 में 1, 43,131 है। जिनमें से 90827 शाखाओं के साथ पीएसबी ने नेतृत्व किया है देश में बैंकिंग सेवाओं के बेहतर विस्तार के लिए।

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