
बिलासपुर। किसानों की अनदेखी करने वाली भाजपा सरकार ने सिपाही से लेकर कलेक्टर तक को शराब बेचने में लगा दिया है। देश के प्रधानमंत्री कांग्रेस को मुस्लिम पुरूषों की पार्टी बताते हैं द्वेष फैलाने और धर्म के आधार पर लड़ाने की राजनीति करते हैं अपने वादों और देश में विकास की बात क्यों नहीं करते, जनता को समझना है। किसानों के नाम पर झूठ की राजनीति देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री कर रहे हैं,बिलासपुर के किसानों का खून पसीना इन्हें पानी की तरह नजर आता है, राजनांदगांव के किसानों को 465 करोड़ से अधिक की बीमा राशि मिली और अधिक सूखाग्रस्त क्षेत्र बिलासपुर जिले के किसानों को मात्र 80 करोड़ की राशि देकर किसानों के साथ भाजपा सरकार ने छल किया है।
कांग्रेस के प्रदेश चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत व जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर ने गौरेला, मरवाही, पेण्ड्रा ब्लॉक के संयुक्त समर्थन में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय गौरेला का घेराव बारिश के बीच किया। बारिश में संजय चौक गौरेला से आव्हान करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने कांग्रेसजनों व किसानों के साथ लगभग डेढ़ किलोमीटर तक पैदल मार्च किया। किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय का घेराव कर एसडीएम नूतन कंवर को राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपकर फसल बीमा व सूखा राहत का लाभ किसानों को देने की मांग की।
कांग्रेस के छत्तीसगढ़ चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ चरणदास महंत ने भाजपा सरकार पर तीखे कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में किसानों की उपज बढ़ाने उनको संपन्न बनाने नहरों का जाल बिछाया गया, किसानों को पानी दिया गया और भाजपा सरकार किसानों से पानी छिनकर उद्योगों को दे रही है। अपने केंद्रीय मंत्री के कार्यकाल पर प्रकाश डालते हुए उन्होने बताया कि प्रदेश में प्रति वर्ष 50 हजार करोड़ की फल, सब्जी, मछली, दूध खराब हो जाता है। कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने राज्य में इसके लिए दो मेगा फूड पार्क बनाने की योजना मंजूर की थी। जिसमें प्रदेश के किसानों का यह कच्चा उत्पादन सुरक्षित रखा जा सके और इनका अवमूल्यन भी न हो लेकिन भाजपा की रमन सरकार ने इस जनहित की योजना को जमीन, बिजली, परमिशन आदि में उलझा कर रख दिया और जो एजेंसी काम करने आयी थी वह काम प्रारंभ नहीं कर सकी।
जिला कांग्रेस विजय केशरवानी ने क्षेत्र के पिपराही गांव के आदिवासी किसान सुरेश मरावी की कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या के बाद राज्य सरकार द्वारा लीपापोती का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जितनी सक्रियता सरकार किसानों की दर्दनाक मौत के मामले को दबाने में दिखाती है उतनी सक्रियता किसानों के हित में क्यों नहीं दिखायी जाती।