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कर्मचारी महासंघ के प्रदेशव्यापी हड़ताल से कामकाज ठप्प…..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने बैनर तले शासकीय विभागों में कार्यरत अनियमित अधिकारीयों एवम् कर्मचारियों द्वारा एकजुट होकर अपने चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में प्रदेशव्यापी हड़ताल किया जा रहा है। महासंघ ने कहा की लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अवगत कराते आ रहे हैं, इसके बावजूद सरकार का उदासीन रवैया आपत्तिजनक है इसलिए मजबूरन हमें प्रदेशव्यापी हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ा है।
                                उल्लेखनीय है कि इन मांगों में अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी केंद्र एवं राज्य के योजनाओं में कार्यरत प्लेसमेंट, अंशकालिक, स्थानीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत तथा अन्य किसी भी विधि से नियुक्त शासकीय और अशासकीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को नियमित करने की मांग है। वहीं प्रत्येक वर्ष प्रशासकीय स्वीकृति और बजट के नाम पर सेवा वृद्धि एवं सेवा पृथक किए जाने का भय समाप्त कर 65 वर्ग की आयु तक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग रखी गई है। 
                        इसके अलावा चार सूत्रीय मांगों में तीसरी मांग विगत दो से तीन वर्षों में जिन योजनाओं आबंटन शासन से विभागों में लिया जा रहा है। इसमें सेवा पृथक हुए कर्मचारियों को भी सेवा में बहाल करने की मांग रखी गई है। चौथी मांग शासकीय सेवा में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को समाप्त कर कार्यरत अनियमित अधिकारी व कर्मचारी को शासकीय सेवकों जैसे समान कार्य समान वेतन लागू करने की है। 
                          इस दौरान छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने कोन्हेर गार्डन में विरोध प्रदर्शन किया। प्रांतव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सभी विभागों में कार्यरत अनियमित कर्मचारी अधिकारी सम्मिलित रहे। इस हड़ताल के प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग में अस्पताल ओपीडी, BP शुगर जांच, रक्त परीक्षण, एचआईवी जांच, स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूताओं के प्रोत्साहन राशि का भुगतान, मितानिनों का वेतन, महामारी की रोकथाम हेतु रिपोर्टिंग, स्वास्थ्य विभाग की समस्त ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रभावित हुई।   
                           ऐसे ही पंचायत विभाग में सभी कार्य प्रभावित हुए जिनमें मनरेगा की मजदूरी का भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि प्रभावित होगा। वहीं आईटीआई में प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित होगी। धान का बीज वितरण कृषि संबंधित कार्य एवं कलेक्टर दर से कार्य करने वाले कर्मचारियों का कार्य प्रभावित होगा। इस कारण बिलासपुर जिले में केंद्र एवं राज्य से संचालित शासन का समस्त कार्य ठप होने की भी संभावना जताई जा रही है।
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