नई दिल्ली। घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7,700 करोड़ रुपए से अधिक फंसे कर्ज की वसूली की। यह आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में वसूली गई राशि से अधिक है। यह बैंक की स्थिति पटरी पर आने का संकेत है।
पीएनबी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। अधिकारी ने कहा कि ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) समाधान प्रक्रिया से पंजाब नेशनल बैंक को काफी लाभ हुआ। बैंक जौहरी नीरब मोदी और उसके सहयोगियों द्वारा कथित रूप से 2 अरब डालर की धोखाधड़ी का शिकार है। पीएनबी के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने पीटीआई भाषा से कहा कि पहली तिमाही में 2-3 बड़े खातों का समाधान किया गया है।
इसके परिणामस्वरूप बैंक को केवल समाधान प्रक्रिया के जरिए 3,000 करोड़ रुपए से अधिक मिले हैं। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल – जून तिमाही में दो बड़े खातों … भूषण स्टील तथा इलेक्ट्रोस्टील … को आईबीसी प्रक्रिया के जरिये समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने 5,400 करोड़ रुपए की वसूली की।
इसके विपरीत हमने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही 7,700 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की। इस बड़ी वसूली में आईबीसी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। मेहता ने कहा कि आने वाले समय में एस्सार स्टील तथा भूषण पावर एंड स्टील (बीपीएसएल) समेत अन्य खातों के समाधान से बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है।
पहली सूची के 12 खातों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बैंक का इनमें से कुल नौ खातों में 12,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया हैं। इन नौ खातों में 9,000 रुपए के कर्ज वाले पांचों खाते इस्पात क्षेत्र से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी सूची में कुल 28 खातों में से बैंक ने 20 खातों को कर्ज दे रखे हैं। इसमें कुल बकाया 6,500 करोड़ रुपए है और हम चालू वित्त वर्ष में इसके समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।