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अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के लिये शीघ्र बनेगी लॉयर अकादमी-मुख्यमंत्री…..

बिलासपुर । मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश  दीपक गुप्ता ने आज यहां छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट परिसर स्थित बार काउंसिल के नवीन भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर डॉ सिंह ने कहा कि आज बहुत ही शुभ दिन है क्योंकि आज भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकल रही है। आज हम सबके लिये बहुत ही गौरवशाली क्षण है कि आज के दिन बार काउंसिल के नवीन भवन का लोकार्पण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने बार काउंसिल के नये भवन के ऑफिस फर्नीचर एवं अन्य व्यय के लिये 30 लाख रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्द हाईकोर्ट में ई-लाईब्रेरी की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था कर रहे हैं कि अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के लिये जल्द ही लॉयर अकादमी बनाई जाएगी। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी से अनुरोध करते हुये कहा कि वे लॉयर अकादमी का स्वरूप कैसा हो, इस पर सरकार को अपना सुझाव दें। जिससे अकादमी शुरू करने की व्यवस्था की जा सके। नये अधिवक्ता जो अपना करियर शुरू करते हैं उन्हें शुरूआत में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिये सरकार उनके लिये जल्द ही स्टायफंड देने की व्यवस्था करेगी।

डॉ सिंह ने अधिवक्ताओं की मांग पर कहा कि अधिवक्ताओं की आकस्मिक मृत्यु होने की दशा में बीमा राशि के रूप में 3 लाख रूपये की राशि देने के लिये जल्द ही व्यवस्था करेंगे। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट भवन की प्रशंसा करते हुये कहा कि इतना सुंदर और हरियाली युक्त हाईकोर्ट का परिसर मैंने कहीं नहीं देखा है। राज्य की न्यायिक उपलब्धियां बताते हुये डॉ सिंह ने कहा कि राज्य बनते वक्त मात्र 102 न्यायिक अधिकारी थे जो आज बढ़कर साढ़े चार सौ हो चुके हैं। इसी प्रकार राज्य निर्माण के समय न्यायिक एवं विधिक सेवाओं के लिये बजट 16 करोड़ 50 लाख था जो आज बढ़कर 536 करोड़ तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 2 से बढ़कर 22 हो गयी है।

डॉ सिंह ने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है और सरकार इसकी मजबूती के लिये प्रतिबद्ध है। लोकार्पण समारोह के बाद डॉ सिंह ने नवीन भवन का निरीक्षण भी किया।

समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने कहा कि बेंच और बार न्याय रथ के दो पहिये हैं। जब दोनों साथ चलेंगे तब सही मायने में न्याय दे सकेंगे। सरकार और न्यायालय दोनों का उद्देश्य होता है कि संविधान का पालन हो। जब मैं यहां चीफ जस्टिस रहा तब यहां के लोगों से बहुत सहयोग मिला। छत्तीसगढ़ मेरे परिवार की तरह है। यहां से जब भी मुझे बुलाया जाता है तब मैं आदेश मानकर चला आता हूं।

इस अवसर पर छ्त्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश  अजय त्रिपाठी ने कहा कि बहुत ही सुखद अनुभूति हो रही है कि बार काउंसिल के नये भवन का लोकार्पण हो रहा है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट जैसी सुविधाएं देश के बहुत कम हाईकोर्ट में है। परिवार के मुखिया पर बहुत जिम्मेदारियां होती हैं। मुझे खुशी है कि प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं। छत्तीसगढ़ बार काउंसिल के अध्यक्ष श्री प्रभाकर सिंह चंदेल ने कार्यक्रम के प्रारंभ में बार काउंसिल का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा, शासकीय महाधिवक्ता  जुगल किशोर गिल्डा, प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी विभाग रविशंकर शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद के सदस्य  शैलेंद्र दुबे सहित अन्य न्यायाधिपति एवं बार काउंसिल के सदस्य एवं अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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