
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल आज बिलासपुर में आयोजित श्री जगद्गुरु शंकराचार्य जी के प्राकाट्य अमृत महोत्सव में शामिल होने पहुंचे। यहां वे एसईसीएल मैदान के विशाल धर्मसभा में शरीक हुए। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सनातन धर्म ही भारतीय सभ्यता का मूल है, वर्तमान में लोग पश्चिमी सभ्यता को ज्यादा वर्चस्व देने लगे हैं। इसलिए सनातन धर्म से जुड़ना जरूरी है, सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार उसकी रक्षा और देश के लोगों में सनातन धर्म के प्रति आस्था पैदा करने के लिए स्वामी निश्चलानंद का मार्गदर्शन सभी के लिए अतुलनीय है, ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि भगवान शंकराचार्य जी का छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर प्राकट्य महोत्सव मनाया जा रहा है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है उनके आशीर्वाद से प्रदेश की जनता सुख-समृद्धि से अपना जीवन बसर करेगी। इस दौरान ‘अखण्ड भारत के लिए कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना’ के जगद्गुरु शंकराचार्य की बात पर सवाल करने पर, कृषि मंत्री बृजमोहन ने बताया कि सनातन धर्म के जगद्गुरु शंकराचार्य हैं, उन्हें सत्य बोलने की आदत है। ज्ञान, विज्ञान, धर्मशास्त्र, वेद पुराण के ज्ञाता हैं। उनका एक-एक शब्द सबके लिए बहुत उपयोगी है इसलिए हमें उनसे सीख लेनी चाहिए। जिस दिन हमारे देश के लोग सात्विक हो जाएंगे, सनातन धर्म के अनुसरण पर जीवन यापन करना शुरू कर देंगे तो यह देश फिर से विश्वगुरु बन जाएगा।
प्रदेश में 30 से 40% वर्षा हुई है। जो खेती के लिए पर्याप्त नहीं है अकाल और सूखे जैसी स्थिति है, इस पर आप क्या कर रहे हैं ? इस सवाल पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि 6 से 7 दिनों के भीतर वर्षा होना बहुत जरूरी है। क्योंकि जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है उसमें समन्वय का आना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर बारिश नहीं होती तो हालात से निपटने के लिए विशेष योजना बनाकर इस समस्या को निराकृत किया जाएगा।
अरपा भैंसाझार परियोजना में दरार आने के सवाल पर उन्होंने बताया, परियोजना अभी निर्माणाधीन है, जो भी कमी-कमजोरियां होंगी उसे तुरंत दूर किया जाएगा। अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जा रही है। जांच पूर्ण होने पश्चात ही इसका संचालन किया जाएगा। चुनाव समिति में नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव समिति में मैं रहूं या ना रहूं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पार्टी हाईकमान का निर्णय जो होगा वह मान्य होगा।