बिलासपुर। रेल यात्रा दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधाओं को दूर करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा ‘बिल नहीं तो फ्री में खाना’ योजना प्रारंभ की गई। इस योजना का उद्देश्य यात्रा के दौरान वेंडरों या कैटरिंग वालों द्वारा ज्यादा मूल्य पर खाद्य सामग्री बेचने पर प्रतिबंध लगाना है।
इसी क्रम में बिलासपुर जोन के सभी स्टेशनों में मंडल मुख्यालय द्वारा आदेश जारी किया गया है कि बिना बिल के किसी भी खाद्य सामग्री का लेनदेन ना किया जाए। रेलवे ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे खाद्य-सामग्रियों को निर्धारित मूल्यों में ही खरीदें। गाडियों में पेंट्रीकार कर्मचारियों को बख्शीश आदि का प्रलोभन ना दें। खाद्य-सामग्रियों को खरीदने से पहले उपयोग करने की तिथि अवश्य देखें। खरीदे गए सामानों का बिल अवश्य लें।
खाद्य-सामग्रियों में ओवर चार्जिंग की वजह से मार्च 2018 से इसे लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य रेलवे के खानपान से संबंधित लेनदेन प्रणाली में पारदर्शिता लाना एवं वेंडरों द्वारा खाद्य-सामग्रियों की अधिक कीमत लिए जाने पर पूरी तरह से अंकूश लगाना है। मंडल के यात्रियों को पारदर्शिता के साथ निर्धारित मूल्य में गुणवत्तायुक्त खानपान सुविधा उपलब्ध कराने बिलासपुर मंडल के सभी केटरिंग यूनिट संचालकों क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व में भी मंडल रेल प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाकर गाड़ियों के पेंट्रीकार एवं स्टेशनों के केटरिंग संचालकों को सख्त हिदायतें एवं निर्देशित किया गया था। कि वे गुणवत्ता युक्त खाद्य-सामग्रियों को इसके निर्धारित मूल्य में ही विक्रय करें। साथ ही उन्होंने बताया कि सभी सामग्रियों के पैकेट में बनने की तिथि एवं उपयोग करने की तिथि का उल्लेख अवश्य हो, यह सुनिश्चित करें। इस प्रकार की सूचनाएं यात्री उद्बोधन प्रणाली के माध्यम से भी प्रसारित कराई गई थी। निर्धारित मूल्य से अधिक में बेचने की शिकायतें रेल प्रशासन को प्राप्त होने पर विशेष अभियान चलाकर संबंधितों पर जुर्माने की कार्यवाही की जाती है।