आज बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई की विशेष कोर्ट सजा का ऐलान करेगी। गत 23 दिसंबर को अदालत ने लालू को देवघर चारा घोटला मामले में दोषी करार दिया है। इसके बाद वो रांची की जेल में बंद है। लालू समेत 16 लोगों को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी।
कोर्ट ने लालू यादव को धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप में आईपीसी की धारा 420, 120 बी और पीसी एक्ट की धारा 13( 2) के तहत दोषी पाया है। इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा और ध्रुव भगत सहित 6 लोगों को बरी कर दिया गया था। लालू सहित सभी दोषी सुबह करीब 10.30 बजे कोर्ट में हाजिर होंगे।
लालू के वकील के कोर्ट से लालू को कम से कम सजा देने की अपील करेंगे, जबकि सीबीआई के वकील ने कहा कि य भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है और ऐसे में अदालत से अधिकतम सजा देने की गुजारिश की जाएगी। लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में अगर लालू और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम 7 वर्ष और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी।
हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के अनुसार इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है। लालू को अगर तीन साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तुरंत बेल मिल सकती है जबकि इससे अधिक सजा पर वकीलों के बेल के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा।
जानिए पूरा प्रकरण
वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपए निकालने का आरोप है। इस दौरान लालू यादव बिहार के सीएम थे। हालांकि, यह पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपए का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा मामला है।
इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को केस दर्ज किया था। लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसले आया था। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपए अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है।