
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार व केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताया है। जोगी का कहना है कि सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते हर वर्ग के लोग त्रस्त हो चुके हैं और अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा कटाक्ष करते हुए जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा है कि सरकार की नीतियों से कोई भी संतुष्ट नहीं है। जोगी ने प्रधानमंत्री के समक्ष इसके निराकरण हेतु सात सूत्रीय मांगे रखी है।
जोगी ने आगे बताया है कि छत्तीसगढ़ सरकार एवं केंद्र सरकार की कुछ नीतियों एवं निर्णयों का जनता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। आम जनता त्रस्त है। किसान, महिला, युवा, छोटे व्यापारी, पुलिस कर्मी, शिक्षक, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार इत्यादि प्रदेश के हर वर्ग के लोग प्रदर्शन करने विवश हैं। इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के लचर रवैये ने जनता की असंतुष्टि को आक्रोश में बदलने का काम किया है। प्रदेश में चारों ओर आराजकता का माहौल है। जोगी आगे कहते हैं कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार अगर अपना दायित्व निर्वाहन करने में अक्षम और असमर्थ साबित होते हैं तो विवश जनता महामहिम राज्यपाल और उसके उपरांत, देश के प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं को लेकर जाती है।
किसानों का बकाया बोनस देने व आउटसोर्सिंग नीति रोक लगाने की मांग
जोगी ने मांग रखी है कि 2013 के वादे के अनुसार किसानों को 2100 रुपये समर्थन मूल्य और बक़ाया ३ साल का ₹300 बोनस दिया जाए। उन्होंने बताया कि जब भाजपा शासित महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश में ऋण माफी की जा सकती है तो छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार न किया जाए। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की आउटसोर्सिंग नीति पर तत्काल रोक लगाने की बात कही है। स्थानीय भर्तियों में स्थानीय युवाओं को 90% आरक्षण। साथ ही कपड़ा धुलाई, दूध सप्लाई, मछली पालन आदि पाराम्परिक कार्य एवं जाति वर्ग से संबंधित ठेके दिल्ली, नागपुर, हैदराबाद और गुजरात की कंपनियों को न देकर छत्तीसगढ़ के धोबी समाज, यादव समाज एवं केंवट समाज के लोगों को दिये जायें।
पोलावरम बांध निर्माण व संयंत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग..
अजीत जोगी ने प्रदेश के 40 हज़ार परिवारों एवं संरक्षित जनजातियों को नष्ट कर रहे पोलावरम बांध के कार्य पर तत्काल रोक लगाने व प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में जनसुनवाई करवाने,की बात कही है। इसके अलावा उन्होंने नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण पर रोक लगाकर बस्तरिया युवाओं को एनएमडीसी नगरनार संयंत्र में रोजगार प्राथमिकता देने की मांग की है।
25 हज़ार करोड़ के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करे
आगे उन्होंने कहा कि महानदी, इंद्रावती और कनहर नदियों से संबंधित अंतरराज्यीय समझौतों में छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे अहित को रोका जाए, इन नदियों के पानी पर पहला अधिकार छत्तीसगढ़ के किसानों का है। छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था उत्पादन आधारित है जबकि जीएसटी केवल उपभोग पर देय है। इससे छत्तीसगढ़ को हो रहे सालाना ₹ 25 हज़ार करोड़ के नुक्सान की भरपाई केंद्र सरकार द्वारा की जाए।
छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य दर्जा देने की मांग
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की 35 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासी एवम् अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत है। उनको सरकार द्वारा अवैधानिक तरीक़े से डीलमिली, नगरनार, घाटबर्रा आदि जगह उनके घरों और ज़मीन से जिस प्रकार बेदख़ल करा जा रहा है, उसका सीधा परिणाम ‘पत्थरगढ़ी’ आंदोलन है। सुदूर अंचलों के लोगों के अस्तित्व पर मंडराते ख़तरे तथा नक्सल समस्या के विकराल रूप को देखते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य को “विशेष राज्य” का दर्जा दिया जाए ताकि छत्तीसगढ़ दूसरे विकसित राज्यों के समानांतर विकास कर सके।