नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने उच्च शिक्षा में सुधार करने की अहम पहल की है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने उच्च शिक्षा में बजटीय आवंटन के अतिरिक्त ढांचागत विकास की जरूरत पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा वित्तीय एजेंसी (एचईएफए) की आधारभूत पूंजी का विस्तार कर इसे दस हजार करोड़ रुपए करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बुधवार को यहां बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इसके साथ ही इसे शिक्षा क्षेत्र इसे 2022 तक अपने संसाधनों के बल पर आधार पूंजी एक लाख करोड़ रुपए करने को कहा गया है। इसके माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों की आवश्यकताओं को समावेशी तरीके से पूरा किया जाएगा।
इससे सभी संस्थानों खासकर केंद्रीय विद्यालयों तथा एम्स जैसे सीमित संसाधनों वाले संस्थानों को बुनियादी सुविधा जुटाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने एचईएफए को शिक्षण संस्थानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से जुटाने हैं, इसके लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस के लिए उसे सरकारी बॉण्ड के जरिए धनराशि संग्रह करने की प्रक्रियाओं को भी मंजूरी दी है।
वाणिज्यिक रूप से धन संग्रह करने की प्रक्रिया के सम्बंध में आर्थिक मामलों के विभाग के साथ परामर्श किया जाएगा ताकि धनराशि संग्रह कम से कम लागत पर हो सके।
सरकार ने एचईएफए का गठन गैर लाभकारी तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के तौर पर पिछले वर्ष मई में किया था और इसे उच्च शिक्षा के लिए ढांचागत विकास की जरूरत को पूरा करने के लिए बजट में आवंटित राशि के अलावा वित्तीय साधन जुटाने का अधिकार दिया गया था।