
रायपुर। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक विरेन्द्र दुबे ने कहा है कि संविलियन निर्णय लेने हेतु हम सरकार के कृतज्ञ है पर यदि समस्याएं दूर नहीं की गई तो आंदोलन करने से प्रदेश शिक्षाकर्मी गुरेज़ भी नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि संविलियन, निश्चित तौर पर शिक्षाकर्मियों कठिन संघर्ष का परिणाम है। जिसका न केवल शिक्षाकर्मियों ने अपितु छत्तीसगढ़ की जनता ने भी सहर्ष अभिनंदन किया है और इसे ऐतिहासिक निर्णय माना है।
उन्होंने आगे बताया कि 2013 में वेतन पुनरीक्षण समयमान वेतन आधार पर 1.86 से गुणा न करके की गई गलतियों को सुधारते हुए वर्ग-3 सहित सभी वर्गों में व्याप्त वेतन विसंगति को दूर कर वर्तमान वेतन का निर्धारण किया जाना चाहिए। दिवंगत शिक्षाकर्मी आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देकर 2010 से लम्बित लगभग 35,00 अनुकम्पा के प्रकरण को नियुक्ति देकर निराकृत होना चाहिए। प्रांतीय संचालक विरेन्द्र ने कहा कि संविलियन वर्ष बंधन को हटाने व तिथि को 8 वर्ष पूर्ण कर उसी तिथि से संविलियन व्यवस्था करनी होगी।
उन्होंने कहा कि हमें अपेक्षा है अभी क्रियान्वयन प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में हम मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री जी, मंत्रीगणों एवं उच्चाधिकारियों से सम्पर्क कर उपरोक्त समस्याओं के समाधान हेतु सकारात्मक प्रयास किए गए हैं। इन सबके बावजूद यदि समस्याओं पर सार्थक समाधान नहीं होता तो हमें आंदोलन पर जाकर सड़क की लड़ाई लड़ने से भी कोई इंकार नही है। इसके लिए ठोस रणनीति, उचित समय और एकजुटता को सर्वोपरि है।