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भाजपा में कुर्सीवार, कांग्रेस में गुटबाजी, जकांछ के लिए जोगी फैक्टर काम करेगा…!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विख्यात राजनीति विश्लेषक प्रकाशपुंज पांडेय ने छत्तीसगढ़ की वर्तमान राजनीति पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रकाशपुंज ने छत्तीसगढ़ में राजनीति की हालिया स्थिति पर अपना एक लेख जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 2018 विधानसभा चुनाव में अब दो की जगह तीन प्रमुख पार्टियां चुनाव में दो-दो हाथ करेंगे। देखने वाली बात है कि दिल्ली के गलियारों से सत्ता में आई आम आदमी पार्टी में इस बार छत्तीसगढ़ चुनाव में पहली बार हाथ आजमाने जा रही है।

                                प्रकाशपुंज पांडेय आगे कहते हैं कि इस वर्ष प्रदेश विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसके मद्देनज़र सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। सन् 2000 में बने छत्तीसगढ़, में पिछले 18 सालों में 2 सरकारी रही है। सन 2000 से 2003 तक 3 साल कांग्रेस की और उसके बाद 2003 से 2018-15 साल भारतीय जनता पार्टी की। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री तत्कालीन कांग्रेस के अजीत जोगी बने थे तदुपरांत गत लगभग 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर रमन सिंह मुख्यमंत्री हैं।

                        18 सालों में छत्तीसगढ़ ने बहुत से उतार चढ़ाव देखे हैं, चाहे वह सामाजिक हों यह राजनीतिक। परंतु इन सभी उतार-चढ़ाव के बावजूद भाजपा गत 15 सालों से सत्ता पर काबिज होने में सफल रही और डॉक्टर रमन सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहें। कई घटनाएं हुईं, नक्सलवाद बढ़ा, जवान शहीद हुए, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नक्सलवादी घटना में खत्म हो गया, कई घोटाले उजागर हुए, कई सीडी कांड हुए, कई फेरबदल हुए, लेकिन 2016 आते-आते छत्तीसगढ़ का राजनीतिक परिदृश्य अकस्मात ही बदल गया क्योंकि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे की स्थापना कर दी।

                      उन्होंने कहा है कि सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा की बात करें तो सूत्रों के मुताबिक, उस पर एंटी इनकंबेंसी पूरी तरह से हावी है, साथ ही आरएसएस, आई-बी और कुछ मीडिया हाउसेस के सर्वे के मुताबिक भाजपा को 32 से 37 सीटें मिलने जा रही हैं। जो कि भाजपा के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, यही नहीं भाजपा में अंतर कलह, गुटबाज़ी और मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भी कई बातें सामने आती रहती हैं। सूत्रों की माने तो कई मौजूदा मंत्रियों और विधायकों की विधानसभा चुनाव की टिकट पक्की नहीं है साथ ही प्रदेश में विगत कुछ सालों से चल रहे हैं आंदोलनों का भी आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पर असर जरूर पड़ेगा।

                      अगर कांग्रेस की बात करें, तो पहले की ही तरह आज भी कांग्रेस में एकता की कमी दिखाई देती है, आए दिन मीडिया और अन्य सूत्रों से ज्ञात होता रहता है कि कांग्रेस में गुटबाज़ी और प्रदेश नेतृत्व के प्रति संगठन में उदासीनता व्यापक रूप से स्थित है। इस पार्टी में भी मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार सामने आते रहते हैं लेकिन बावजूद इसके, इस बार विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी का फायदा जरूर मिलेगा बशर्ते कांग्रेस एक होकर जनता को विश्वास दिलाने में सफल हो जाए।

                       जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ उर्फ जोगी कांग्रेस तो 2016 से 2018 की शुरुआत तक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में बहुत से उतार चढ़ाव हैं। शुरुआती दौर में पार्टी अपने चरम सीमा पर थी, लेकिन दिन बीतने के साथ ही इस नई नवेली पार्टी में भी अंतर कलह व गुटबाज़ी, पोस्टर वार जैसी ख़बरें हमेशा सामने आती रहती हैं और हाल ही में पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण भी पार्टी की स्थिति कमजोर मानी जा रही है, लेकिन जोगी के छत्तीसगढ़ में जनाधार और प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता इसीलिए इस चुनाव में  2018 विधानसभा चुनाव में अब दो की जगह तीन पार्टियां प्रमुख चुनाव में दो-दो हाथ करेंगे। देखने वाली बात है कि दिल्ली के गलियारों से सत्ता में आई आम आदमी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में पहली बार हाथ आजमाने जा रही है। जोगी फैक्टर भी बहुत काम करेगा। 

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