बिलासपुर। पत्थरगड़ी आदिवासियों का सरकार के प्रति असंतोष है, उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के बजाय सरकार उनके घर तोड़ने में लगी हुई है। आदिवासी अपने क्षेत्रों में प्रस्तावित औद्योगीकरण से डरे हुए हैं, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक चिकित्सा जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति ना होने से उनके जीवन में कठिनाइयां और बढ़ गई है।उक्त बातें प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष एवं सीतापुर के विधायक अमरजीत सिंह भगत ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही ।
भगत ने कहा कि जबकि सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए कार्य कर रही है। सरकार दिशाहीन हो चुकी है, इसलिए आदिवासियों को यह कदम उठाना पड़ा है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए आदिवासियों की स्थिति के लिए विपक्ष सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
अमरजीत ने कहा कि आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं को सरकार द्वारा नकार दिया गया है। भाजपा सरकार की नीतियों में आदिवासी कल्याण के लिए कोई जगह नहीं बची है, प्रदेश कांग्रेस का काम आदिवासियों के समर्थन में सरकार की आदिवासी विरोधी नीतियों का विरोध करना है। उन्होंने बताया कि आज भी ऐसे कई क्षेत्र है, जहां आवागमन के लिए परिवहन साधन नहीं है, मूलभूत चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, कोई अन्य विकल्प नहीं है। ऐसे सुदूर जंगल वाले क्षेत्रों में आदिवासी निवास करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों के विषय में सरकार कोई नीतियां नहीं बनाती अपितु जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता पर आई है, तब से केंद्र ने ही आदिवासी कल्याण के लिए राशि जारी करना बंद कर दिया है यह आदिवासियों के हित में नहीं।