बिलासपुर। लोक निर्माण विभाग मंत्री राजेश मूणत का आज शहर आगमन हुआ। मंत्री के मिज़ाज बदले-बदले दिखे, पहले तो प्रवास का कारण निजी बताकर वे पत्रकारों से बातचीत करने से बचते रहे। वहीं जब उन्होंने बोला, तो कुछ ऐसा बोल दिया जो मंत्री की गरिमा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
न्यूज़ हब इनसाइट पहले भी आपको अनिल बिल्डकॉन की करतूतों की कहानी बयां करती रही है कि कैसे जिम्मेदार अधिकारियों की पनाह में बेखौफ़ होकर बहतराई स्टेडियम में बन रहे सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रेक का निर्माण ठेकेदार कंपनी अनिल बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड बेफ़िक्री से सारे नियम, कानूनों ताक पर रखकर कर रही है। अधिकारियों ने भी इस मामले में चुप्पी साधी है। वहीं स्टेडियम में एथलेटिक्स ट्रेक का गुणवत्ताहीन निर्माण किया जा रहा है, जिस कंपनी को इसका ठेका दिया गया है वह सड़क निर्माण का ठेका लेती है, ट्रैक व मैदान निर्माण का कोई भी अनुभव नहीं है। मतलब खिलाड़ियों का भविष्य नौसिखियों के हाथों में सरकार व पीडब्ल्यूडी विभाग ने सौंप दिया है?
आज छत्तीसगढ़ शासन के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत जब बिलासपुर पहुंचे, तो न्यूज़ हब इनसाइट ने उन्हें इस मामले से अवगत कराते हुए प्रश्न किया, अनिल बिल्डकॉन द्वारा सभी नियमों को परे रख, मिट्टी चुराकर ट्रेक का निर्माण कार्य किया जा रहा है, इस पर आरोपी ठेकेदार पर क्या कार्रवाई करेंगे? राजेश मूणत ने जो जवाब दिया, वह उनके मंत्री गरिमा को शंकित करता है उन्होंने कहा कि “आपका काम है मुद्दों को उठाना, कार्यवाही करना नहीं करना मेरे ऊपर, इससे आपको कोई मतलब नहीं”
पीडब्ल्यूडी मंत्री का ऐसा बयान उनके गैरजिम्मेदाराना रवैये को जाहिर करता है, उन्होंने ऐसा कहकर जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्वयं ही धूमिल कर दिया है। इसका पूरा निर्णय हम पाठकों पर छोड़ते हैं, क्या ऐसा जवाब देना मंत्री को शोभा देता है। मंत्री का यह बयान गवाही देता है कि जब विभाग के मंत्री ही ऐसे रवैये में रहते हैं तो विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व ठेकेदार के मिज़ाज को समझा ही जा सकता है।
यह भी बताते चलें कि मंत्री राजेश मूणत से सवाल पूछने के लिए न्यूज़ हब इनसाइट की टीम जब उनके पास जाने के लिए बढ़ी तो पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारियों के चेहरे उतर गए, शायद उन्हें डर रहा होगा कि उनकी पोल-पट्टी मंत्री के सामने खुल न जाए, पर मंत्री के ऐसे बयान से उनके चेहरे खिल गए। मंत्री ने उन अधिकारियों के सामने ही यह बयान दे डाला कि “मीडिया का काम लिखने का है, कार्यवाही करना नहीं करना हमारे ऊपर है और हम मीडिया के लिखने से कार्यवाही नहीं करेंगे” इस तरह उन्होंने जनसरोकार के सबसे बड़े माध्यम पत्रकारिता को झुठला दिया और अप्रत्यक्ष रूप से अपने भ्रष्टाचारी अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेकेदारों का समर्थन जता गए।
पीडब्ल्यूडी विभाग पर ठेकेदार भारी
पाठकों को यह भी बताते चलें कि बिलासपुर में कोई भी निर्माण कार्य हो, यहां के प्रशासनिक अधिकारी मौन नजर आते हैं और तमाशबीन बनकर जनता के पैसों की बर्बादी का तमाशा देखते हैं। यहां ठेकेदार पीडब्ल्यूडी विभाग के सभी अधिकारियों पर भारी है। जनता तो यहां तक कहती है कि सारा काम मिलीभगत से ही होता है, इसलिए अधिकारी भी चुपचाप रहते हैं। एथलेटिक ट्रैक के निर्माण में अनिल बिल्डकॉन द्वारा लाखों की मिट्टी चुकाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना, बिना अनुमति स्टेडियम की दीवार तोड़ना, और शहरों में कई जगह निर्माण नियमों की अनदेखी करना। जाहिर करता है कि विभाग की लचर व्यवस्था का पूरा लाभ ठेकेदार ले रहे हैं।