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शिक्षाकर्मियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है, संविलियन प्रक्रिया सरल की जाए : गोपी वर्मा……

राजनांदगांव। राजनांदगांव के छतीसगढ़ पं ननि जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा है कि संविलियन प्रक्रिया व दस्तावेजीकरण की जटिलता एवं संविलियन के निर्धारित कम समय के मद्देनजर हम शासन से संविलियन प्रकिया को सरल करने की मांग करते हैं, उन्होंने आगे बताया कि इस प्रकिया में विगत 6 वर्षों की गोपनीय प्रतिवेदन व अचल संपत्ति की जानकारी जमा कराई जा रही है, जिसकी पूर्ति के लिए शिक्षाकर्मियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
               गोपी वर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मियों के विगत 6 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदन चाहे गए हैं जबकि शिक्षाकर्मियों की सेवाएं शिक्षा विभाग को दी जाएगी। उनकी पुरानी सेवा पुस्तिका निरंतर की जानी है। ऐसी स्थिति में विगत वर्षों तक शिक्षाकर्मियों के गोपनीय प्रतिवेदन एवं सेवा सत्यापन के आधार पर समयमान वेतनमान, पुनरीक्षित वेतनमान एवं वार्षिक वेतन वृद्धियां स्वीकृत की गई। जिसकी प्रविष्टि संबंधित के सेवा पुस्तिकाओं में भी किया गया है इसके बाद भी  गोपनीय चरित्रावली मांगे जाने का कोई औचित्य नहीं है, संविलियन के लिए केवल गत वर्ष के गोपनीय चरित्रावली ली जाए।
                          उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल विभाग में संविलियन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है उसके लिए राज्य शासन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न निर्देश जारी किए हैं, साथ ही प्रतिदिन इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा रही है, मोर्चा जिला संचालक गोपी वर्मा एवं प्रदेश पं ननि शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेन्द्र यदु, बाबूलाल लाडे व जिला सचिव मनीष पसीने ने संयुक्त रूप से अपनी बात को रखते हुए एक विज्ञप्ति जारी कर शासन से संविलियन प्रक्रिया सरल करने की मांग की है।
                             शैलेन्द्र यदु ने कहा कि कई जिलों अथवा विकासखंडों में  सेवा से संबंधित समस्त दस्तावेज नियुक्ति पत्र, स्थानांतरण, कार्यभार ग्रहण, शैक्षणिक योग्यता संबंधित प्रमाण पत्र पत्र इत्यादि मांगे जा रहे जा रहे हैं। जबकि यह सभी दस्तावेज शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिका में दर्ज एवं सत्यापित है। दस्तावेजों को पुनः मांग कर शिक्षाकर्मियों को परेशान किया जा रहा है इसके लिए उनसे संबंधित समस्त जानकारियों को लेकर एक डाटा फॉर्मेट निर्धारित किया जाना चाहिए। जिसे भरकर संबंधित शिक्षाकर्मी कार्यालय को जमा करें इनका सत्यापन संबंधित शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिका एवं व्यक्तिगत नस्ती में उपलब्ध दस्तावेजों से करने के उपरांत संविलियन आदेश जारी किए जाएं।
                   मीडिया प्रभारी देवेंद्र साहू ने जानकारी देते बताया कि संविलियन के दिशा-निर्देश में सेवा पुस्तिकाओं का स्थानीय संपरीक्षा निधि से सत्यापन के उपरांत ही संविलयित पद पर वेतन निर्धारण की कार्रवाई की जाने की बात है। जबकि जिले में यह कार्य अपूर्ण एवं प्रारंभिक अवस्था में है, विकास खंड शिक्षा अधिकारियों, शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट एवं समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित कर सेवा पुस्तिकाओं के सत्यापन के निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
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