बिलासपुर। आपातकाल को भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूरे देश में काला दिवस के रूप में मनाया गया, इस दौरान भाजपा नेताओं ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस को जमकर कोसा, इसी तारतम्य में बिलासपुर में सांसद लखनलाल साहू की अगुवाई में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। प्रेसवार्ता में सांसद लखन एवं भाजपा नेताओं द्वारा आपातकाल को लेकर बयान दिए गए।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री अटल श्रीवास्तव, ज़िलाध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय व शैलेश पांडेय ने संयुक्त रूप से अपना बयान प्रेसनोट के माध्यम से जारी किया है। विपक्ष को समझाइश देते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना कांग्रेस ने ही की है, डॉ आंबेडकर द्वारा रचित संविधान ने सभी जाति, धर्मों को लोकतांत्रिक सम्मान दिया है।
आगे कहा गया है कि सांसद लखनलाल साहू पत्रकार वार्ता में कांग्रेस का इतिहास बताने के बजाय आरएसएस का इतिहास जनता को बताएं की आज़ादी के पूर्व 1926 में आरएसएस की स्थापना हो गई थी। 1926 से 1947 तक का क्रियाकलाप का श्वेतपत्र जनता के बीच जारी करे ? गांधी की हत्या से लेकर वर्तमान इतिहास तक, खाकी हॉप पेंट और काली टोपी से जनता परिचित हैं।
आरएसएस मुख्यालय में आज भी तिरंगा झंडा नही फहराया जाता है, आपातकाल कुछ महीनों का था, जिसमें बहुत सी अच्छी बातें भी हुई थी। विनोबा भावे ने आपात काल को अनुशासन पर्व भी कहा था। आपातकाल के लंबे अंतराल के बाद चर्चा के बजाए मोदीकाल में चार साल से अघोषित आपातकाल की चर्चा होनी चाहिए। ईवीएम मशीन पर सवाल उठ रहे हैं, जीएसटी और नोटबंदी पर सवाल उठ रहे हैं। लोकतंत्र के सबसे बड़े मन्दिर लोकसभा और राज्य सभा में सांसदों की बात नही सुनी जा रही है।
आगे बीजेपी केंद्र सरकार पर तीखा कटाक्ष करते हुए कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों को अपनी बात प्रेस कांफ्रेंस लेकर कहनी पड़ रही है, बार-बार नेहरू की जगह सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रधान मंत्री बनना था कहने वाले यह क्यों नहीं कहते कि नरेंद्र मोदी की जगह भाजपा के लौह पुरुष लालकृष्ण आडवाणी को प्रधान मंत्री होना था,भाजपा और सांसद लखन लाल साहू आपातकाल की बरसी मनाने का ढकोसला बंद करे। छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस परिवार काला दिवस मना रहे हैं, शिक्षाकर्मी और नर्स काला दिवस मना रहें हैं बस्तर में नक्सलवाद के नाम पर अघोषित आपातकाल लगा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि भाजपा सरकार के राज में सबसे ज्यादा प्रताड़ित मीडिया व पत्रकार साथी हैं, सांसद लखनलाल साहू अपने 5 वर्ष से ऊपर के कार्यकाल को याद करें, वर्तमान समय और परिस्थिति में चर्चा करें जिस समय थाने के अंदर पुलिस अधिकारी को पीटा जा रहा था, नर्सों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया जा रहा था। कांग्रेस ने सांसद लखनलाल साहू से पूछा है कि क्या छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाओं के बाद भी लोकतंत्र बचा है ?