

बिलासपुर। पुलिसकर्मियों को हड़ताल करने की अनुमति नहीं है विभाग में इसे गैर-कानूनी माना जाता है, इस कारण पुलिस परिवारों ने अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखने के लिए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन शुरू किया। इसे रोकने के लिए पुलिस महकमे के आला अधिकारी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। यहां सबसे बड़ा सवाल यही है कि पुलिस परिवारों को आख़िर क्यों अपनी मांगें रखने सड़क पर उतरना पड़ा ?
सरकार भले ही इसे गलत ठहराये, पुलिस कल्याण विभाग भले ही इसे नियमों के विरुद्ध या गैर-अनुशासनात्मक क़रार दे पर जो हक़ीकत हम आज आपकों बताने जा रहे हैं वो जरूर आपकों यह सोचने पर मजबूर कर देगा की समाज को सुरक्षित रखने 24 घण्टे अपनी ड्यूटी निभाने वाले पुलिसकर्मी व उनके परिजन ख़ुद असुरक्षा में जीने के लिए मजबूर हैं।
चौबीसों घंटे ड्यूटी में रहने के बावजूद पुलिस कर्मियों को कम वेतन, महंगाई व अन्य भत्ता और रहने के लिए जर्जर मकान के सिवाय और कुछ नहीं मिलता, पुलिस विभाग पुलिसकर्मियों को हड़ताल करने की इजाजत नहीं देता, इससे नाराज परिजन अवस्था का विरोध करने कई दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसे दबाने के लिए पुलिस महकमे के आला अधिकारियों व प्रशासन द्वारा सख्त रवैया अपनाया जा रहा है।
न्यूज़ हब इनसाइट की टीम ने जब तिफरा स्थित पुलिस परिवार आवासीय परिसर का जायज़ा लिया, तो वहां की बुनियादी तस्वीर पुलिसकर्मियों व उनके परिवारजनों के बेहूदा हालात की गवाही दे रहे थे, बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर थी मानों कभी भी बैठ जाए, दीवारें दरकती हुए, छत से पानी नीचे तल तक आ रहे थे। यह हालात काफ़ी थे आंदोलन का कारण बयां करने के लिए।
हमारी टीम ने जब पुलिसकर्मियों के परिवार वालों से बात की तो उन्होंने बताया कि रात-दिन ड्यूटी के बावजूद भी सप्ताह में 1 दिन की छुट्टी नहीं दी जाती, ना ही वेतन उचित मात्रा में मिलता है इससे आर्थिक समस्या के साथ-साथ कई परेशानियां का सामना करना पड़ता है। वहीं घर के हालातों पर पूछने पर उन्होंने बताया कि जो बिल्डिंग उन्हें रहने के लिए आबंटित किया गया है वह पूरी तरह जर्जर है, खौफ के साए में जीने के लिए वह मजबूर हो गए हैं। हरदम यही डर लगा रहता है कि कब कौन सी दीवार या घर की छत भसक जाए।
पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख ने पुलिस परिवार के इस आंदोलन को निरर्थक बताया है,उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग अनुशासन के लिए जाना जाता है मगर इस तरह से अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। पुलिस विभाग में सभी समस्याओं को निराकृत करने चैनल उपलब्ध है इसके बावजूद इस तरह का प्रदर्शन करना पुलिसकर्मियों उनके परिवारों के लिए सही नहीं वह अपनी बात और भी माध्यम से रख सकते हैं।