
बिलासपुर। स्मृति वन के पीछे बसे बस्ती भूरिपुरा के निवासियों ने पुनर्वास की मांग को लेकर उच्च न्यायालय के फ़ैसले को समक्ष रखते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों ने बताया कि उनका परिवार विगत 40 वर्षों से यहां निवासरत है, और यह क्षेत्र निगम के अधिकारक्षेत्र में भी नहीं आता। इसके बावजूद भी निगम ने वह बस्ती उजाड़ दी।
ग्रामीणों ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि निगम द्वारा उनके घरों को तोड़ने के बाद उन्होंने पुनर्वास की मांगों को लेकर कलेक्टर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा था, इसके पश्चात भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने उच्च न्यायालय में पुनर्वास की मांग के समर्थन में कांग्रेस नेता पिनाल उपवेजा के नेतृत्व में याचिका दायर की। याचिका में कोर्ट ने बस्तीवालों के समर्थन में फैसला सुनाते हुए निगम व जिला प्रशासन को 3 माह के भीतर उनके आवास की व्यवस्था बनाने आदेश दिए।
इसके पश्चात भी निगम व जिला प्रशासन द्वारा आदेश नहीं मानने पर बस्तीवालों ने फिर से न्यायालय का रुख किया, इसके बाद न्यायालय ने 10 दिनों के अंदर ही उनके पुनर्वास के आदेश दिए, निगम ने 9 आवास प्रभावितों को देकर बाक़ी के दस परिवार उनके अधिकारक्षेत्र में नहीं हैं कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसमें रामकुमार धुरी, रानी बाई, सरोजिनी धुरी, सीमा सूर्यवंशी, दुर्गा साहू, विष्णु धुरी, मोना धुरी, देवरी लाल धुरी, ज्योति बाई, रानी निर्मलकर, राधाबाई, शांति धनवा कुटे, हेमा खूटे, राधाबाई कविता बाई, मीना गिरी, सविता, चंद्रकला पात्रे के मकान निगम ने तोड़ दिए। इस बात से ग्रामीण बेहद आक्रोशित हैं उनका कहना है कि जब उनका निवास बस्ती निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर है तो कैसे निगम ने उनके घरों पर बुलडोज़र चलवा दिया।
वहीं ग्रामीणों के साथ उनके समर्थन में उनकी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे कांग्रेस के युवा नेता एवं अधिवक्ता पिनाल उपवेजा ने बताया कि निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने के बावजूद भी निगम द्वारा बस्ती उजाड़ दी गई, ग्रामीणों के घर तोड़े गए, जब निगम की जिम्मेदारी यहां नहीं है तो वह कोर्ट में लिखिति में जवाब पेश करें। पिनाल ने आगे बताया कि वहां पर लोग विगत 40 से 50 वर्षों से निवासरत थे, अब प्रशासन उन्हें बेघर कर पुनर्वास नहीं दे रहा, स्मृतिवन के पीछे की जमीन पंचायत व निगम के बीच अधिकार को लेकर विवादित है।
पिनाल उपवेजा ने आगे कहा है कि उन्होंने उन्नीस लोगों के पुनर्वास की मांगों को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें सही पक्ष की जीत हुई है। उन्होंने आगे बताया कि बेलतरा विधानसभा के ग्राम लिंगियाडीह, चिंगराजपारा व अन्य ग्रामों में लगभग 300 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें इसी तरह प्रभावित किया गया, उसके बाद उनकी पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई। तो वहीं ग्रामीणों ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर बिलासपुर को आवेदन सौंपा है और पुनर्वास की मांग की है।