बिलासपुर। छत्तीसगढ़ भवन में नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने आज पीएचई और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक ली, बैठक में उन्होंने दोनों विभाग के अधिकारियों को दूषित पेयजल की समस्या को तत्काल निराकृत करने निर्देशित किया। इस दौरान मंत्री अमर ने अधिकारियों से गंदा पानी वाले बोर को तुरंत बंद करने व पानी का नियमित सैम्पलिंग लेकर टेस्ट कराने की बात कही। साथ ही अधिकारियों को चेताया कि गंदे पानी की शिकायत मिलने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि मैं 30 जून को फिर से पेयजल सप्लाई की समीक्षा बैठक लूंगा, वहीं बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि पिछले तीन साल से कम बारिश होने से शहर के कई इलाकों में अंडर ग्राउंड वाटर लेवल चार सौ फिट तक नीचे चला गया है, इस वजह से पानी सप्लाई में परेशानी आ रही है, इस समस्या पर मंत्री अमर ने कहा कि ऐसे इलाकों में टैंकरों से पानी पहुंचाना सुनिश्चित करे, निगम को पानी सप्लाई करने वाले टैंकर की संख्या बढ़ाने निर्देश दिए।
बैठक के दौरान आगे कार्यवाही में नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने निगम अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जब तक नए निर्मित भवनों में रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम नहीं लगता तब तक उन्हें किसी भी हाल में प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही पुराने भवनों में रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने अभियान चलाने की बात कहते हुए प्रत्येक इलाके में पानी की सप्लाई सुनिश्चित कर टैंकरों की आवश्यकतानुसार तत्काल उपलब्ध कराने निर्देश दिए।
पीएचई अधिकारियों को प्रमुख रूप से निर्देश देते हुए उन्होंने पानी की समस्या वाले इलाकों में 15 दिनों के भीतर नए बोर करने की बात कही, साथ ही नदी किनारे संचालित प्रदूषित पानी देने वाले बोर को बंद करने के निर्देश दिए और ऐसे जगहों पर पानी की टंकी से पानी की सप्लाई करने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने आगे बताया कि शहर में तीन साल के अंदर खूंटाघाट से पानी आने लगेगा, आगे निजी कॉलोनियों द्वारा बोर के अंधाधुंध उपयोग पर उन्होंने कहा कि निजी कालोनियों और प्रायवेट बोर द्वारा भूजल का काफी दोहन किया जा रहा है, इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, छत्तीसगढ़ भवन में आयोजित इस बैठक में निगम आयुक्त सौमिल रंजन चौबे सहित निगम एवं पीएचई के अधिकारी मौजूद रहे।