
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने ख़ुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि नोटबंदी के दौरान छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंकों में करोड़ों का कालाधन जमा हुए हैं, जकांछ ने मांग रखी है कि इन पैसों से किसानों को सूखा राहत राशि प्रदान की जाए, इसके लिए जकांछ जिला सहकारी बैंकों का 25 जून को घेराव कर अपनी मांग रखेगी। अमित जोगी ने जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस प्रदेश किसानों के समर्थन में 25 जून को आरटीआई में उल्लेखित सहकारी बैंकों का घेराव करेगी और सरकार पर किसानों का ऋण माफ करने, सुख राहत और मुआवजा देने का दबाव बनाएगी।
जकांछ ने बताया कि नोटबंदी के दौरान रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर और राजनांदगांव जिला के सहकारी बैंकों में 280 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, आईटीआई में इसका खुलासा हुआ है। इसका उपयोग सरकार को किसानों का ऋण माफ करने और मुआवजा एवं सूखा राहत देने के लिए करना चाहिए।
वहीं इस तथ्य के सामने आने के पश्चात मरवाही विधायक अमित जोगी ने सरकार पर तीखा कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि ये दुखद विडंबना है की छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने विवश हैं, 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग निम्न, मध्यम वर्गीय हैं, लेकिन नोटबंदी के दौरान भाजपाई नेताओं के बैंकों में 280 करोड़ रुपए का धन एकत्रित हो जाता है।
अमित ने आगे बताया कि 10 नवंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 के बीच राज्य सहकारी बैंक में 32 करोड़ 52 लाख के पुराने नोट जमा हुए, 10 नवंबर 2016 से 14 नवंबर 2016 के बीच सिर्फ पांच दिनों में बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, जगदलपुर, रायपुर और राजनांदगाव के जिला सहकारी बैंक में क्रमशः 50 करोड़ 29 लाख, 56 करोड़ 96 लाख, 10 करोड़ 88 लाख, 29 करोड़ 33 लाख, 60 करोड़ 64 लाख एवं 38 करोड़ 77 लाख रूपए जमा किये गए हैं, इस प्रकार नोटबंदी के बाद प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में 5 दिनों में ही लगभग 247 करोड़ रूपए जमा किये गए।
अमित जोगी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपाई नेताओं ने सहकारी बैंकों का दुरुपयोग कर काला धन फ़र्ज़ी नामों से जमा रखा है। जहां प्रदेश में एक ओर सहकारी बैंक किसानों को ऋण पटाने के लिए तंग कर रहे हैं, वहीं इन बैंकों में सरकारी संरक्षण प्राप्त भ्रष्टाचारी अपना पैसा सुरक्षित रख ऐश कर रहे हैं। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नोटबंदी के बाद गुजरात की बैंकों में जमा हुई राशि की याद तो आती है लेकिन छत्तीसगढ़ के विषय में वे मौन धारण किये हुए हैं।
मरवाही विधायक ने आगे कहा कि 4 वर्षों में एक बार वे छत्तीसगढ़ भ्रमण पर जरूर आ जाते हैं। इतने गंभीर विषय पर राज्य में मुख्य विपक्षी दल के नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं, अमित जोगी ने पूछा कि आखिर किन किसानों ने नोटबंदी के बाद राज्य के सहकारी बैंकों में यह राशि जमा की है। क्या इन किसानों के नाम किसान रमन सिंह, किसान अमर अग्रवाल, किसान प्रेम प्रकाश पांडे, किसान टी एस सिंहदेव, किसान भूपेश बघेल आदि हैं?