बिलासपुर /डाॅ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव गौरव शुक्ला ने प्रेमेंद्र मानिकपुरी द्वारा की गई शिकायत के मामले में कहा है कि, यह विश्वविद्यालय के प्रतिद्वंदी संस्थान के साथ मिलकर ठीक प्रवेश के समय की गई शिकायत, विश्वविद्यालय को छति पहुंचाने के लिये की गई है, जिसका आशय विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करना है। यह शिकायत पूर्ण रूप से अपुष्ट और अपूर्ण जानकारी पर आधारित है, जो पूरी तरह से झूठ एवं निराधार है। शिकायतकर्ता ने प्रतिद्वंदी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने के लिये षणयंत्र किया हैै।
श्री शुक्ला ने बताया कि इस जांच के लिये कोई भी जानकारी विश्वविद्यालय से या विश्वविद्यालय के अधिकारियों से नहीं ली गई है ना ही किसी विधिक प्रक्रिया का पालन किया गया है। श्री शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय के समस्त शैक्षणिक कार्यक्रम केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा समय-समय पर दी गई अधिसूचनाओं, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश एवं नियमों के तहत संचालित किया जा रहा है। इसके समस्त शैक्षणिक कार्यक्रम उनके अध्यादेश , अधिनियम एवं परिनियम के आधार पर ही संचालित है।
प्रभारी कुलसचिव ने कहा कि शिकायतकर्ता स्वयं ब्लैकमेल का आरोपी है, उसके खिलाफ विश्वविद्यालय ने थाने में शिकायत भी की थी। श्री शुक्ला ने बताया कि डाॅ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय प्रदेश का एक मात्र विश्वविद्यालय है जो कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्ली, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ,दूरस्थ शिक्षा परिषद् , भारतीय विधिज्ञ परिषद् से भी मान्यता प्राप्त है, विश्वविद्यालय के मुक्त एवं दुरवर्ती शिक्षा संस्थान को (दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो) ( विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई)एवं दूरस्थ शिक्षा परिषद् से मान्यता प्राप्त है।
गौरव ने बताया कि डाॅ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय प्रदेश का एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जो कि वर्तमान में दूरस्थ शिक्षा के सभी मापदण्डों को पूरा करता है। विश्वविद्यालय को भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सदस्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय को द्वारा से प्रत्यायित किया गया है एवं विश्वविद्यालय ने में भी अपना उत्कृष्ट स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय को शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरूस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।
गौरव शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय केन्द्र एवं राज्य सरकार अनेक योजनाओं में सहभागी होकर कार्य कर रहा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर महानगरों में भी तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा प्रदान करना शामिल है, उन्होंने कहा कि डाॅ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय के कैम्पस में केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र संचालित है, जिसके तहत गरीब आदिवासी और पिछड़े तबके के जरूरत मंद विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर दक्ष बनाया जाता है। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कौशल विकास हेतु दीनदयाल उपाध्याय कौशल केन्द्र की स्थापना की अनुमति प्रदान की गई है, जिसे छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग ने कौशल विकास हेतु स्टेट का स्त्रोत केन्द्र भी बनाया गया है। इसके साथ हाल में ही उन्नत भारत कार्यक्रम हेतु विश्वविद्यालय का चयन किया गया है, जिसके तहत अंचल के 5 गांव को गोद लेकर समग्र विकास करने की जिम्मेदारी दी गई है।