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केदारनाथ आपदा में लापता लोगों को फिर से खोजा जाएः हाईकोर्ट…….

 

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को केदारनाथ आपदा में लापता हुए लोगों को खोजने के लिए दुबारा विशेष टीम का गठन कर तलाशी अभियान चलाने के निर्देश जारी किया है।

न्यायालय ने कहा है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) स्तर के अधिकारी की निगरानी में टीम का गठन किया जाए और टीम दुबारा से केदारनाथ आपदा क्षेत्र में लापता लोगों की खोज अभियान चलाये।

उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने ये निर्देश गाजियाबाद निवासी अजय गौतम की जनहित याचिका पर सरकार द्वारा पेश प्रगति रिपोर्ट की सुनवाई के बाद जारी किये हैं। राज्य सरकार ने न्यायालय में पेश रिपोर्ट में कहा है कि उनकी ओर से एसएसपी पौड़ी, पुलिस अधीक्षक (एसपी) टिहरी, एसपी चमोली, एसपी उत्तरकाशी एवं एसपी रूद्रप्रयाग की निगरानी में पांच विशेष टीमों का गठन किया गया था। 

इन विशेष टीमों ने केदारनाथ आपदा क्षेत्र का दौरा किया और वहां लापता लोगों की खोज के लिए 15 मई से 17 मई 2017 के दौरान तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान में टीम को छह शव मिले। टीम ने अगले दिन सोन नदी के किनारे लाकर निहित प्रावधानों एवं अदालत के निर्देशों के तहत शवों का अंतिम संस्कार किया।

खंडपीठ ने कहा कि केदारनाथ आपदा में 4000 लोग लापता हो गये थे और मात्र 678 शव मिले हैं। खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिये हैं कि एसएसपी स्तर के अधिकारी की निगरानी में गठित टीमें दुबारा केदारनाथ आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करे और लापता लोगों एवं उनके शवों की खोजबीन का काम करे। साथ ही प्राप्त शवों का डीएनए रिपोर्ट तैयार करे और उसे सुरक्षित रखे।

 इसके साथ खंडपीठ ने कहा है कि सरकार छह माह में चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले शहरों के विकास के लिए जीआईएस सर्वे से तैयार एक मास्टर प्लान तैयार करे। इसके लिये सरकार ने तीन साल का समय सीमा मांगी थी लेकिन खंडपीठ ने इसे महत्वपूर्ण मानते हुए उनकी मांग को खारिज कर दी और साथ ही अदालत ने केन्द्र सरकार को भी निर्देशित किया है कि वह प्रदेश के पर्यटन हितों को देखते हुए तीन महीनों के भीतर इस मामले में कदम उठाये।

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