
बिलासपुर। आबकारी मंत्री द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर दिए गए भाषण पर शहर की राजनीति गरमा गई है, यहां बताते चलें कि मंत्री ने कहा है कि शराबबंदी पर सरकार का फ़ैसला चुनाव के बाद हो सकता है, मंत्री के इस बयान पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पांडे ने तीखा प्रहार किया है उन्होंने कहा है कि शराब से सरकार को मोटा कमीशन मिलता है यही कारण है कि सरकार शराब बंदी नहीं करना चाहती। पंद्रह साल पहले भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी पर ऐसा नहीं किया गया। मुख्यमंत्री के बयान पर शैलेश पांडे ने कहा है कि उन्होंने स्वयं कहा था कि सरकार के मंत्री कुछ साल अगर कमीशन कमीशन अगर कमीशन ना खाएं तो सरकार फिर से बन जाएगी। आगे नेता शैलेश ने कहा है कि शराब बेचने से सरकार को मोटा मुनाफा कमीशन के तौर पर होता होगा, यही कारण है कि सरकार शराबबंदी पर फैसला नहीं ले पा रही सरकार प्रदेश में शराबबंदी क्यों नहीं करना चाहती इसके लिए जनता को स्पष्टीकरण दें लिए जनता को स्पष्टीकरण दें।
पीसीसी प्रवक्ता शैलेश पांडे ने कहा कि मंत्री अमर अग्रवाल को स्पष्ट करना चाहिए कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी शराब वितरण नहीं करेगी, निष्पक्ष तरीके से चुनाव होंगे, दुर्भाग्य की बात है कि बीते 15 साल की सरकार में भाजपा शराब बांटकर भोले-भाले छत्तीसगढ़ की जनता को बरगला कर चुनाव जीत कर आ रही है यही कारण है वह शराबबंदी के फैसले से डर रही है। आगे नेता शैलेश ने कहा है कि जनता इन्हें वोट नहीं देगी इसी बात का डर इन्हें सता रहा है भाजपा बौखला रही है उसे समझ में नहीं आ रहा कि उसे करना क्या है। सरकार स्वयं शराब बेचे इससे बड़ा दुर्भाग्य भला और क्या होगा, सरकार अपनी प्रदेश की जनता को स्वयं ही मौत के मुंह में धकेल रही है, सरकार द्वारा खुद ही शराब बनाकर शराब समान जहर प्रदेश की जनता को दिया जा रहा है।
इसके विपरीत दूसरी तरफ बड़े उद्योग धंधे जिन्हें सरकार को स्वयं ही अपने पास रखकर विकसित करने चाहिए उन्हें निजी सेक्टरों को दिया जा रहा है खनिज, उत्खनन, कोयले, संचार व्यवस्था जैसी चीजों को निजी सेक्टर को देकर सरकार यहां के युवाओं का भविष्य अंधकार में डाल रही है। जबकि यह काम सरकार को स्वयं कर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पांडे ने कहा सरकार उपयोगी कार्यों को ना कर व्यर्थ के कार्यों को कर रही है यहां भ्रष्टाचार का आलम इस कदर बढ़ गया है कि स्वास्थ्य सुविधा, उद्योग, रोजगार, वाणिज्य, खनन, संचार तकनीक जैसे बड़े-बड़े क्षेत्रों को निजी कारोबारियों को सौंपा जा रहा है जो इसका अतिदोहन कर प्रदेश को खोखला कर रहे हैं वहीं यहां के युवा भविष्य को भी अंधकार में डाल रहे हैं।