
बिलासपुर। रोजा इफ्तार में मुख्य अतिथि बनाने को लेकर दो राजनीतिक दल आपस में भिड़ गए, मामला बढ़ते-बढ़ते थानें तक पहुंच गया। रमजान महीने में सुन्नी लश्करे कमेटी द्वारा तैबा चौक में रोजा इफ़्तार का कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी रखा गया। आयोजकों के आरोप है कि इसके विरोध में भाजपा नेता ने अपनी राजनीतिक पहुंच लगाकर अपने दल के नेता को ना बुलाने की नाराज़गी के कारण कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की।
रोजा इफ्तार आयोजक कमेटी ने बताया कि रोजा इफ्तार का हर साल आयोजन कमेटी द्वारा किया जाता है और विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किए जाते हैं। इस बार कमेटी के युवाओं ने कांग्रेस नेता शैलेश पांडे को बतौर अतिथि आमंत्रित किया, कमेटी जब दावत का आमंत्रण लेकर एल्डरमैन मकबूल अली के घर पहुंची तो उन्होंने पूछा कि मुख्य अतिथि कौन है आयोजक कमेटी के बताने पर कि मुख्य अतिथि शैलेश पांडे है वह कहने लगा कि यहां अमर भैया को बुलाइए अगर शैलेश पांडे आएंगे तो कार्यक्रम होने नहीं दिया जाएगा।
अपनी राजनीतिक रसूखदारी का दम दिखाते हुए एल्डरमैन ने कहा कि शैलेश पांडे अगर बतौर मुख्य अतिथि रोजा इफ्तार के कार्यक्रम में शामिल हुए तो कार्यक्रम नहीं होने देंगे, उन्होंने पंडाल उखड़वाने की धमकी भी दे डाली, इसके बाद एल्डरमैन ने रविवार को निगम अमले और पुलिस के साथ वहां पहुंचकर पंडाल उखड़वा दिया।
कमेटी ने बताया कि एल्डरमैन मकबूल अली द्वारा आपसी रंजिश के चलते ऐसा किया जा रहा है, वह निगम अमला और पुलिस को भेजकर कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न करने का काम कर रहे हैं, जबकि उन्होंने एल्डरमैन मकबूल अली से अपील भी की थी कि वह कार्यक्रम में अपना सहयोग करें ताकि कार्यक्रम बेहतर ढंग से प्रतिवर्ष की तरह हो सके।
बहरहाल यह कहा जा सकता है कि कार्यकर्ता मंत्री की छवि धूमिल करने में लगे हुए हैं, जबकि मंत्री ऐसा कुछ नहीं चाहते यहां भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीतिक रंगों में धार्मिक कार्यक्रमों को ऐसे रंगने की कोशिश करना राजनीति में सही नहीं है। इससे सीधे-सीधे जनता की नजरों में कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कामों से मंत्री की छवि धूमिल होगी।