
बिलासपुर। विकास यात्रा के मॉडल में जिन तस्वीरों का उपयोग किया जा रहा है, उनमें तस्वीर पुरानी है अभी की स्थिति और बद्तर है इस तरह साफ जाहिर होता है कि भाजपा पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी को कितनी अच्छी तरह निभाते हैं ऐसा कहता है जिला पार्षद प्रवक्ता व सक्रिय कांग्रेस नेता शैलेंद्र जायसवाल का, विकास यात्रा मॉडल पर छपी तस्वीरों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने अपनी बात कही है।
शैलेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह रथ पर सवार होकर लोगों को विकास दिखाने निकले हैं, लेकिन विकास है कि दिखता ही नहीं। हद तो तब हो गई जब विकास यात्रा के आमंत्रण पत्र पर 90 साल पहले बने खूँटाघाट बांध की तस्वीर डाल दी गई है और खूँटाघाट को अपने विकास यात्रा का मॉडल दिखा रहे हैं। खूँटाघाट उस वक्त बना है जब मुख्यमंत्री रमन सिंह का जन्म ही नहीं हुआ था। भाजपा के लोग साठ साल का हिसाब मांगते हैं लेकिन रमन सिंह तो 90 साल का हिसाब दे रहे हैं 90 साल पुरानी गाथा गा रहे हैं 90 साल का विकास दिखा रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेंद्र ने कहा, आमंत्रण पत्र में विकास की एक से एक कहानियां दिखाई गई हैं, सबसे पहले जो भवन दिखाए गए हैं, जो कही के सरकारी भवन दिखते हैं लेकिन अटल आवास जैसे निर्माण नजर आता है शायद यही इनके विकास का पैमाना है अगली तस्वीर बस स्टैंड की है जिस में भारी अव्यवस्था फैली है और इसकी छत टपक रही है। अगली तस्वीर वर्किंग वुमन हॉस्टल की है जिसकी योजना आज से 20 साल पहले कांग्रेस ने बनाई थी और आज रमन सिंह इसे बना पाए हैं एक हॉस्टल बनाने में 20 वर्षों का समय लग गया विकास सचमुच बहुत तेजी से हुआ है।
अगली तस्वीर लखीराम सभागृह की है जिसका अद्भुत शिल्प कला और वास्तुकला पूरे विश्व में शोध का विषय बन सकती है। इस ऑडिटोरियम को बनने में 10 साल लग गए थे और यह ऑडिटोरियम कम भ्रष्टाचार का स्मारक ज्यादा नजर आता है। 6महीने में इस ऑडिटोरियम में 6 कार्यक्रम भी नहीं हो सके हैं। अगली तस्वीर उसी खूँटाघाट की है जिसका जिक्र पहले किया जा चुका है, पूरे बिलासपुर शहर का जल रसातल में जा रहा है और इसी खूँटाघाट से अब शहर में पानी लाने की बात की जा रही है। विकास की दौड़ में हम कहां से कहां पहुंच गए हैं शहर के पानी आपूर्ति के लिए 30 किमी दूर 90 साल पूर्व बने बांध का सहारा लिया जा रहा है।
अगली तस्वीर में 2 सड़कें दिखाई गई हैं जो कि बदरंगी सी हैं और पता नहीं किस शहर के किस हिस्से से खींची गई है। यह घटिया सड़क निर्माण स्तर को दिखा रहा है उनके विकास की कहानी खुद बयां कर रहा है। अंतिम तस्वीर में 10 वर्षों से बनने वाले बहतराई स्टेडियम को दिखाया गया है जिस में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो चुका है और कई लोग इसके भ्रष्टाचार में डुबकी लगा चुके हैं और अगले कई वर्षों तक भ्रष्टाचार होता रहेगा यहां खिलाड़ियों को खेलने का मौका कब मिलेगा शायद पता नहीं, यह रमन सिंह के विकास के नहीं भ्रष्टाचार की यात्रा को दिखा रहा है। अद्भुत किंतु आश्चर्यजनक रूप से इस आमंत्रण पत्र में मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सीवरेज परियोजना को कोई स्थान नहीं मिल सका है जिसका उद्घाटन स्वयं रमन सिंह कर चुके हैं सीवरेज परियोजना को इस आमंत्रण पत्र में स्थान मिल जाता तो उनके विकास की सारी कहानी पूरी हो जाती।
भाजपा पदाधिकारी अपने पार्टी के प्रति कितने समर्पित?
यह बात तो सच ही है कि अगर भाजपा पदाधिकारियों द्वारा इस बात का पहले ही ध्यान रखा जाता तो शायद शैलेंद्र जायसवाल की नज़र यहां जाती ही नहीं, कहते हैं कि जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाने से ही काम बेहतर होता है और जब काम बेहतर होता है तो उसमें खामियों की जगह नहीं होती, पर यहां ऐसे काम सीधे-सीधे भाजपा पदाधिकारियों के अपने कार्यों के प्रति उदासीनता का प्रदर्शक है।
यहां पाठकों को यह भी बताते चलें कि पूर्व में भी जब भाजपा के वरिष्ठ मंत्री अजय चंद्राकर शहर में बैठक लेने आए थे तब भी जिला पदाधिकारियों द्वारा अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा नेताम को बैठक रूम से बाहर जाने के लिए कह दिया गया था, जिला पदाधिकारियों द्वारा उनसे दुर्व्यवहार भी किया गया था जिससे नाराज नेताम ने केंद्र के वरिष्ठ नेताओं से इसकी शिकायत करने की बात कही थी,
बहरहाल यह आलम सीधे-सीधे भाजपा पदाधिकारियों के अपने कार्य के प्रति उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना रवैया को सिद्ध करता है।