
“आईबीए के विरोध में आमजनों से सहयोग लेकर आज बैंकर्स ने प्रदर्शन के प्रश्चात मामा-भांचा तालाब से पुराने हाईकोर्ट तक मानव श्रंखला बनाकर वेतनमान बढ़ाने के प्रति अपना समर्थन जताया”
बिलासपुर। आईबीए के विरोध में बैंकर्स लामबंद हो गए हैं, दूसरे दिन भी अखिल भारतीय बैंक हड़ताल जारी है और बैंकों में ताले लटक रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आव्हान पर विरोध प्रदर्शन यूनियन बैंक मुख्य शाखा के समीप किया गया, हड़ताल के दूसरे दिन भी ललित अग्रवाल ने अपना सम्बोधन दिया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि पांच साल में एक बार पे रिवीजन वो भी कई साल की देरी से और प्रस्तावित वेतन वृद्धि सिर्फ 2%, जबकि सातवें वेतनमान अनुसार केंद्र सरकार कर्मचारियों को मिली करीब 23.5% की वेतन वृद्धि क्या ये जायज़ है? उन्होंने आगे बताया कि एक केंद्र सरकार कर्मचारी को सामान्य भुगतान 18 हज़ार है और बैंक कर्मचारी की 11 हज़ार, जबकि एक बैंक कर्मचारी को जोखिम लेकर एवं दबाव में काम करना पड़ता है फिर बैंक कर्मचारियों से ये पक्षपात किया जा रहा है।
ललित अग्रवाल ने आगे बताया कि बैंकिग के नाम पर जीवन बीमा, म्युचुअल फंड, इत्यादि बिकवाएं जाएं, और फिर बैंक कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया जाए, क्या यही नैतिकता है बडे उद्योगपतियों को लोन दे सरकार फिर उसकी उगाही करने में विफल रहे सरकार, लेकिन ठीकरा फूटे बैंक कर्मचारियों के सिर पर क्या यह सही है। सरकारी नीतियों का फायदा पहुंचाया जाए निजी बैंकों को, सरकारी बैंकों को लगा दिया जाए सरकारी योजनाएं लागू करने पर। फिर दलील दी जाए कि सरकारी बैंक नुकसान में हैं यह किस हद तक सही है, ऐसा सही नहीं। हड़ताल बैंक कर्मचारियों की इच्छा नही है बल्कि मजबूरी है यहां हड़ताल कर्मचारियों के लिए कोई छुट्टी का दिन नही होता बल्कि इसकी भरपाई उन्हें अपना वेतन कटवा कर करनी पड़ती है।
इस दौरान दीपा टन्डन, लोकनाथ कुर्रे, डी के हाटी, एस बी सिंह, प्रदीप कुमार यादव, सुनील श्रीवास्तव, डी के श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, एन वी राव, अशोक ठाकुर, राजेश रावत, जितेंद्र शुक्ला, शरद बघेल व सौरभ त्रिपाठी, पी के अग्रवाल, रूपम रॉय, एम के पटसानी, अशोक रॉय, कैलाश अग्रवाल, पार्थो घोष, अश्विनी सूद, उर्मिलेश पाठक, दीपक साहू, नरेंद्र सिंह, शिवांगी, सैयदा, दीप्ति, रौशनी, मोनालिशा, मनीषा, पार्थो घोष, अविनाश तिग्गा, शरद यादव, कनक डोंगरे सहित बड़ी सँख्या में बैंक कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे।