
बिलासपुर/नगर निगम रोज समाचारों की सुर्खियों में अपने कारनामों से छाई रहती है।निगम के पदाधिकारियों और अधिकारियों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई उनके इन कारनामों के बारे में क्या कह रहा है वे तो सिर्फ अपना फायदा देखते हैं भले ही इसके लिए उन्हें नियम विरुद्ध कोई काम करना पड़े।ताजा मामला शुक्रवार को हुई एम आई सी की बैठक का है जिसमें सभी ने एक मत होकर निगम के घोषित भ्रष्ट उपयंत्री सुरेश बरुआ की पदोन्नति का प्रस्ताव आननफानन में पास कर दिया।सुरेश बरुआ पर कुछ महीने पहले ही एन्टी करप्शन ब्यूरो ने छापा मारा था जिसमें अभी न तो चालान पेश हुआ है और न ही उसे क्लीन चिट दी गई है।सूत्रों की मानें तो पहले भी एम आई सी द्वारा एक भ्रष्ट इंजीनियर सुधीर गुप्ता को इसी तरह पदोन्नति दी गई थी जो कि अधीक्षण अभियंता बन कर निगम में मलाई खा रहा है।बात खुलने पर महापौर यह बहाना बना रहे हैं कि हमने सिर्फ प्रस्ताव पास करा है पदोन्नति सरकार को देना है।वे शायद नगरवासियों को बेवकूफ समझ रहे हैं जबकि उनके इस कदम से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि ये भ्रष्टाचारियों को सिर्फ प्रश्रय ही नहीं दे रहे अपितु उन्हें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने लायक बना रहे हैं जिससे उन्हें भी अधिक फायदा हो।