बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी केंद्र नेतृत्व के चार वर्ष पूरे होने पर देशभर में जश्न मना रही है वहीं इसके विरोध में कांग्रेस ने नेहरू चौक में विश्वासघात दिवस मनाया, इसका आयोजन कांग्रेस शहर कमेटी व कांग्रेस ग्रामीण के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था पर जिला कांग्रेस द्वारा आयोजित हर कार्यक्रम की तरह यह भी फ्लॉप शो रहा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की उदासीनता यहां फिर नज़र आयी। वैसे तो राजनीति के क्षेत्र में समय का विशेष महत्व होता है इसका महत्व और भी बढ़ जाता है जब जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और आज की सभा में इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला।
सभा का समय 11:30 बजे निश्चित किया गया था,पर सभास्थल पर जब हमारी टीम पहुंची तो 11.46 बजे हमें वहां 6 से 7 की संख्या में कांग्रेसी नेता दिखे जिनमें कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ 2 महिला नेत्री मंचस्थ थे, इसके कुछ देर बाद 12:39 बजे आगामी चुनाव में अपनी दावेदारी करने वाले वरिष्ठ नेता पहुंचे और 12:49 बजे प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव का धरना स्थल पर आगमन हुआ, इसके पश्चात 2 बजे के बाद सभास्थल की भीड़ घटती नज़र आयी। इस मामले में जब हमने जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी से उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि उनका ग्रामीण क्षेत्र है मरवाही, बिल्हा व अन्य गांव से आने वाले कार्यकर्ता और पदाधिकारी बस या ट्रेन में होंगे वह पहुंच ही रहे होंगे, दूर होने की वजह से उन्हें यहां आने में थोड़ा समय लग रहा है जबकि हमने जिलाध्यक्ष से बात 12 बजे बात की थी इसके बावजूद भी कोई नहीं आया बल्कि 2 बजे से भीड़ कम होती दिखाई दी। इससे पता चलता है कि जिला शहर एवं ग्रामीण अध्यक्ष का अपने क्षेत्र में कितना प्रभाव है।
यही नहीं नेहरू चौक शहर का मुख्य चौराहा है, जहां से शहर चारों ओर से जुड़ता है वहीं आज धरना स्थल पर आए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अपनी गाड़ी बीच सड़क में ही बेतरतीबी से खड़ी कर दी, यह पुलिस को भी नजर नहीं आया इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अभी सत्ता में नहीं है तो यह हालात है, अगर कल को यह सत्ता में आ जाए तब हालात कल्पना की ही जा सकती है! सभा समय का ध्यान ना रखना, नेताओं का छूट पिछड़कर आना, ट्रैफ़िक नियमों की धज्जियां उड़ा कर गाड़ी सड़क पर खड़ी करना और फ़िर सभा में घटती भीड़, साफ तौर पर जिला कांग्रेस कमेटी में गुटबाज़ी के आलम को ज़ाहिर करती है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या जिला कांग्रेस की स्थिति अब केवल अपने ही पार्टी नेताओं में मतभेद तक ही सीमित हो गई है या फिर पहले मैं पहले मैं का फार्मूला यहां के वरिष्ठ नेताओं ने अपना लिया है जिसके कारण कोई भी आयोजन जिला कांग्रेस का सफल नहीं हो पाता। कांग्रेस के इस रवैया के कारण ही शायद बार-बार इनकी चुनावी हार होती है।
इस दौरान कांग्रेस ने विपक्ष सरकार पर जमकर निशाना साधा साथ ही उनकी नीतियों को जनविरोधी बताकर जमकर आलोचना की, कहा भाजपा सरकार से देश की जनता त्रस्त हो गयी है, यह सरकार सिर्फ़ चंद लोगों को लाभ दे रही और उन्हीं के हित में कार्य कर रही है। भाजपा शासनकाल ने देश को संक्रमणकाल में ला दिया, कांग्रेस के सभी नेताओं ने बीजेपी के विरोध में अपनी बात रखी।
इस दौरान सर्वप्रथम प्रदेशप्रवक्ता शैलेश पांडे ने अपना भाषण दिया, उन्होंने कहा कि जब मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आई थी, तब यह सत्ता के लालची किस प्रकार से सत्ता को हथियाने का काम कर रहे थे इसका हर व्यक्ति गवाह है, उन्होंने देश के विश्वास को धोखा दिया है गलत प्रचार किया जैसे चाय बनाने वाला एक बहुत दुखी गरीब आदमी, प्रधानमंत्री बन गया है, पर 15 साल पहले कहां थे मोदी तब तक वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे वह चाय भी नहीं बेचते थे यह बात उन्होंने गोपनीय क्यों नहीं रखी। शिक्षा के मंदिरों को बंद किया जा रहा है वहां पर शिक्षकों का नियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था में भी सरकार फेल हो चुकी है सभी जिला अस्पतालों में महंगे उपकरणों की खरीदी की गई है आदमी मजबूर हो गए हैं निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की उपलब्धता नहीं है यह 4 सालों की सालों की केंद्र सरकार और 15 सालों की भाजपा में राज्य की भाजपा में राज्य की सरकार की सफलता है।
इस दौरान प्रदेश महामंत्री , जिलाध्यक्ष ग्रामीण अध्यक्ष , प्रवक्ता अभय नारायण राय, पार्षद तैय्यब हुसैन, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर ने अपनी बात रखी जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सभी योजनाओं को सफल बताते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार केवल पूंजीपतियों की सरकार है जो उनके हित में नीतियों का निर्माण करती है जनहित से दूर-दूर तक उसका तक उसका सरोकार नहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।