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ठेकेदारों के इशारे पर नाच रहा पीडब्ल्यूडी विभाग……

बिलासपुर। प्रशासन की महत्वपूर्ण सरकारी निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी इन दिनों ठेकेदारों के इशारे पर काम कर रही है। पीडब्ल्यूडी के शहर में जारी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को देखकर यह लगता है कि इस विभाग पर ठेकेदार हावी हैं।
पीडब्ल्यूडी का कार्य निर्माण कार्यों को बेहतर ढंग से गुणवत्तापूर्ण पूरा करवाना है साथ ही उनकी जिम्मेदारी इन कार्यों के पूर्ण होने के बाद और भी बढ़ जाती है क्योंकि निर्माण इस समय से जन सुविधाओं में अपना योगदान शुरू कर देता है। पीडब्ल्यूडी डिवीजन क्रमांक 1 के तहत नेहरू चौक से उसलापुर तक सड़क डामरीकृत होना है , इस कार्य का ठेका ग्रेड ‘ए’ के ठेकेदार कंपनी आनंदी बिल्डर्स को दिया गया है। कार्य की कुल लागत 862.20 करोड़ रुपए है जिसे 15 माह के भीतर पूर्ण किया जाना निश्चित किया गया है। 
सड़क का कार्य प्रगति पर है यहां सड़क की सुंदरता में सड़कों पर छोड़े गए चेंबर के गड्ढे, बेतरतीबी से बने डिवाइडर, दुर्घटना की मंशा से सीना ताने खड़े लोहे के सरिये, गड्ढो में ढके पत्थर चार चांद लगा रहे हैं। जो इस बात की चीख़-चीख़ कर गवाही दे रहे हैं कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ठेकेदार के प्रति कितना समर्पित हैं और कमीशनखोरी का खेल भी कितना गहरा है, अबतक पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों को यह सब दिखाई नहीं दिया इससे साफ-साफ पता चलता है। आनंदी बिल्डर्स द्वारा यहां सड़क निर्माण का कार्य एक तरफ तो काम चलाऊ तो कर दिया गया है पर अव्यवस्थित तरीके से बने डिवाइडर और सड़क के बीचों-बीच गढ्ढे होने से दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती  है। वहीं जुगाड़ से ठेकेदार कंपनी अपना काम चला रही है जबकि इस मौके पर उन्हें सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए पर ऐसा नहीं किया जा रहा है। बता दें कि मंगला चौक मुख्य मार्ग शहर के सबसे प्रमुख मार्गों में से एक है जहां से बाकी जगहों से बिलासपुर जुड़ता है इसके बावजूद भी इस तरह की बड़ी लापरवाही पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार कंपनी की मिलीभगत को सिद्ध करता है। 
पाठकों को यह भी बताते चले कि प्रदेश की सरकार द्वारा विकास यात्रा निकाली जा रही है विकास यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में हुए विकास को जनता के सामने लाना है पर यहां विकास सड़कों पर खुदा दिखता है जिसके ऊपर भ्रष्टाचार की ढकी चादर   साफ़ दिखाई देती है जो सरकार के विकास के तमाम दावों को  खोखला साबित करती है क्योंकि  पीडब्ल्यूडी अधिकारी  ठेकेदारों पर इतना मेहरबान है की सिवाय कमीशन के उनकी आंखों के सामने कुछ नहीं आता अपनी जेब कैसे भरें और भ्रष्टाचार कैसे करें यही उनका एक मात्र लक्ष्य बन गया है जनहित का सरोकार दूर-दूर तक उनके अस्तित्व में नहीं। 
पहले भी जब इस मामले में अखबार व मौखिक तौर पर पीडब्ल्यूडी व ठेकेदार कंपनी को अवगत कराया गया तो उन्होंने सीवेज के पाइप बिछने का बहाना देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इतना सब होने के बावजूद भी पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिम्मेदार ठेकेदार कंपनी आनंदी बिल्डर्स पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है। नियम से सरकारी निर्माण कार्य में लापरवाही करने पर  ऐसे ठेकेदारों पर दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए पर  ऐसा न होना    पीडब्ल्यूडी अधिकारी व ठेकेदार कंपनी की मिली भगत को उजागर करता है । वहीं आनंदी बिल्डर्स द्वारा निर्माण कार्य के सम्बंध में जो बोर्ड लगाया गया है वह अंग्रेजी  में है जिसे केवल कुछ ही बुद्धिजीवी पढ़ सकते हैं सामान्य नागरिक इसे देखकर ही नहीं समझ पाएगा नियम तो यह है की हिंदी में ही निर्माण कार्य के जानकारी के संबंध में बोर्ड लगाया जाए। 
न्यूज़ हब इनसाइट की टीम पहले भी अपने पाठको को बहतराई स्टेडियम में हो रहे सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक के निर्माणक ठेकेदार कंपनी अनिल बिल्डकॉन के करतूत को  लगातार बताते  आ रही है, कि किस तरह  ठेकेदार अनिल बिल्डकॉन द्वारा लाखों की मिट्टी, ग्राम पंचायत से बिना ही अनुमति लिए चुरा कर इस्तेमाल में लाया जा रहा है। वहीं अनिल बिल्डकॉन ने स्टेडियम में बिना जिम्मेदार विभाग से अनुमति लिए दीवार तोड़कर निर्माण कार्य किया। एक ओर जहां अनिल बिल्डकॉन ने प्राकृतिक खनिज को अतिदोहन किया तो दूसरी ओर दीवार को तोड़कर पास के तालाब से मिट्टी लाकर पूरा जमीन खोखला कर दिया जो  ग्रामीणों के लिए  दुर्घटना का कारण बन सकता है । यह कार्य पीडब्ल्यूडी डिवीजन क्रमांक 2 के तहत हो रहा है इस मामले में भी न्यूज हब इनसाइट की टीम ने आरटीआई व शिकायत पत्र के माध्यम से सूचना मांगी तो पता चला कि अब तक अनिल बिल्डकॉन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इससे साफ होता है कि पीडब्ल्यूडी जनता के पैसे को बर्बाद करने से जरा भी गुरेज नहीं करती उन्हें तो बस अपने कमीशनखोरी से मतलब है। 
कुल मिलाकर पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों पर काफी मेहरबान है। विभाग के मंत्री राजेश मूणत पिछले बार आए थे तो उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता के लिए अफसरों को जमकर फटकारा था। उनके प्रवास के दौरान निर्माण कार्य व्यवस्थित किया गया था, लेकिन उनके जाते ही सब कुछ पहले जैसा हो गया। पीडब्ल्यूडी की अव्यवस्था को जिला कलेक्टर भी ठीक नहीं कर पा रहे हैं।
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