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विजय केशरवानी की अमर्यादित करतूत ….

बिलासपुर। जिलाध्यक्ष की भूमिका वही निभाता है जिसमें संपूर्ण नेतृत्व गुण हो, जो अपने पार्टी के पदाधिकारी, सदस्यों में समन्वयक स्थापित कर सके। कांग्रेस कमेटी ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी इन बातों को शायद भूल गए हैं यही कारण है कि बिलासपुर नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की नियमितीकरण का प्रस्ताव निगम द्वारा पारित होने पर लम्बे समय हड़ताल के बाद कांग्रेस पार्टी उत्साहपूर्ण जश्न मना रहे थे, इसी जश्न के बीच जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने कुछ ऐसी हरक़त कर डाली जो उनकी ही पार्टी की महिला कार्यकर्ता को नागवार गुजरा। 
महिलाओं को शक्ति का अवतार माना जाता है उन्हें पूजना भारतीय संस्कृति में सबसे बड़ा पुण्य है। महिलाओं का सम्मान जब भी किया जाता है तब उन्हें श्रीफल या साल भेंट किया जाता है, फूलमाला हाथों पर देकर उनका स्वागत किया जाता है पर बिलासपुर कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी पर अपने पद ओहदे का ग़ुरूर ऐसा है कि यहां वह अपनी मर्यादा तोड़कर किसी भी स्थिति में जा सकते हैं। जश्न के उत्साह में अपनी मर्यादा भूलकर जिलाध्यक्ष केशरवानी ने अपनी ही पार्टी की सक्रिय महिला कार्यकर्ता अज़रा खान के मुंह में लड्डू ठूसकर जबरन उनके गले में फूलमाला पहना कर उनके सम्मान को ठेस ही नहीं पहुंचाई बल्कि कांग्रेस पार्टी को शर्मसार भी किया है। महिलाओं की हक़ के लिए आवाज़ उठाने वाले अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारा अपनी ही पार्टी के महिला कार्यकर्ता से ऐसा करना पार्टी के आचार सहिंता को कलंकित करता है, ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या पार्टी हाईकमान ऐसे अमर्यादित पदाधिकारी पर कार्रवाई करेगी?         
               
                      इस मामले में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सिद्दीक़ी ने कहा कि जिलाध्यक्ष को अपने दायरे में रहकर व्यवहार करना चाहिए, महिलाओं का समाज में सबसे उच्च स्थान है इसलिए उनसे ऐसा व्यवहार करना निंदनीय है।
वहीं जनता जोगी कांग्रेस के जिला प्रवक्ता विक्रांत तिवारी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस संक्रमण के दौर से गुजर रही है देश को महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति बना महिलाओं को सम्मान देने का कम कांग्रेस ने किया था, वहीं आज प्रदेश में महिला कार्यकर्ता ही असुरक्षित महसूस कर रही हैं और उनके साथ ऐसी घटनाएं हो रही है। इससे यह पता चलता है कि प्रदेश कांग्रेस अपनी रीति-नीति और संस्कृति सभी भूल चुकी है और ये एक अपंग नेतृत्व की ओर इशारा करता है, या फिर यह भी कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस पार्टी अपने संक्रमण काल से गुजर रही है।
                                   इस मामले में भाजपा के एल्डरमेन मनीष अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं का सम्मान ना करना कांग्रेस की रीति-नीति रही है महिलाएं अपने घर का कामकाज छोड़कर राजनीति दल को अपना समर्थन जताने आती हैं, ऐसा व्यवहार उनके सम्मान के विरोध में है। जबरन अपने हाथों से उनका मुँह खोलकर उसमें लड्डू ठूसकर उनके नाम के नारे लगाने का कार्य घोर निंदनीय है। इस मामले में विजय केशरवानी के खिलाफ़ पार्टी हाईकमान को कार्रवाई करनी चाहिए। 
ज्ञातव्य है कि कांग्रेस द्वारा यह मामला कोई नया नहीं है इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज व वरिष्ठ नेताओं पर महिला कांग्रेसियों से बदतमीजी के आरोप लगते आये हैं। इससे पहले भी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के समय महिला कांग्रेसियों ने इसका जमकर विरोध किया था। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि महिला कांग्रेसियों से दुर्व्यवहार के कारण ही यहां कांग्रेस की सरकार नहीं बनती और कांग्रेस को बिलासपुर से हारना पड़ता है। 
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