
बिलासपुर। युवा कांग्रेस ने पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दामों का विरोध किया है, उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल को भी जीएसटी की श्रेणी में लाया जाए ताकि वन नेशन-वन टैक्स पेट्रोल -डीजल पर भी लागू हो सके । इस मामले में युकां ने एक प्रेस नोट जारी कर अपना बयान दिया है। प्रदेश सचिव ने कहा, कर्नाटक चुनाव निपटते ही पेट्रोल-डीजल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि कर सरकार ने आम लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
प्रदेश सचिव ने आगे कहा, मूल्य वृद्धि के कारण महंगाई चरम पर पहुंच गई है। बसों के भाड़े बढ़ गये हैं। खाने-पीने की वस्तुएं निरंतर महंगी होती जा रही हैं, उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में पेट्रोल तकरीबन आठ और डीजल ग्यारह रूपए तक बढ़ गया है, उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि मोदी सरकार कर्नाटक में हुई भाजपा की हार का बदला जनता से ले रही है।
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए युकां जिला महासचिव गोपाल दुबे ने रमन सरकार पर आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क से लेकर अतिरिक्त कर और सेस सबसे ज्यादा लिया जा रहा है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आईल की कीमतें यूपीए सरकार की तुलना में बहुत कम होने के बावजूद आम लोगों को कोई राहत नहीं दी जा रही है।
युवा काग्रेंस ने भाजपा के शासनकाल पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा है, कांग्रेस शासनकाल के समय पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर तो बैलगाड़ी और साईकिल चलाकर विरोध करने वाले भाजपा के नेताओं रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल अब कहां गायब हो गये हैं? क्या अब उन्हें जनता की चिंता नहीं सता रही है? रमन सिंह जी और उनके मंत्रियों ने थोड़ी सी मूल्य वृद्धि पर साईकिल पर सचिवालय जाने का दिखावा और ढोंग करते थे, आज वे उनके मंत्री और उनकी साईकिलें तीनों गायब हैं। जनता रमन सिंह, उनके मंत्रियों और उनकी साईकिलों को ढूंढ रही है। युकां ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल को यदि जनता की वास्तव में चिंता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों को देखते हुए सप्ताह में एक दिन नहीं, बल्कि प्रतिदिन साईकिल पर नये रायपुर में सचिवालय जाना चाहिए, तभी उनके वास्तविक चरित्र का पता चलेगा।
युवा काग्रेंस ने आगे कहा, केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि से जनता को राहत दिलाने के लिए शीघ्र ही इसे जीएसटी में शामिल कर ‘‘वन नेशन, वन टेक्स’’ की बात चरितार्थ करके दिखाए। यदि रमन सिंह जनता को महंगाई से वाकई राहत दिलाना चाहते हैं तो वे अविलंब पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाएं। जबकि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री भी कई बार कह चुके हैं कि राज्य सरकारें यदि प्रस्ताव भेजेंगी तो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जाएगा।
इस दौरान प्रदेश सचिव लक्ष्मीनाथ साहू, जिला उपाध्यक्ष आशीष गोयल, जिला महासचिव गोपाल दुबे, विनय वैद्य, हीरा यादव, दिनेश चंदानी, वक़ार खान विधानसभा महासचिव ऋषिकश्यप, मो.अयाज़, मो.आक़ीब, निखिल चिल्चोलकर, नवीन गोयल, आई टी सेल से वैष्णव एनएसयूआई के वसीम खान, अंकित भिसेन, राज यादव ने भी अपनी बात रखी।