बिलासपुर। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन अपने वेतन सम्बंधी मांगों को लेकर आईबीए के विरोध में मई महीने के अंत में 30 और 31 मई को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है इसी क्रम में हड़ताल से पूर्व आज पूरे देश में एकमत होकर विरोध प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिलासपुर, रायपुर में प्रत्येक बैंक शाखा में समस्त स्टॉफ द्वारा आईबीए के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुये 1 नवम्बर 2017 से बकाया 11वां त्रिपक्षीय वेतन समझौता शीघ्र करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जनधन खाते से विमुद्रिकरण तक सरकार की समस्त योजनाएं काम के बोझ से दबे हुए बैंकर्स पर थोपी गई है। जब सभी सरकारी योजनाओं के अनुपालन की जिम्मेदारी भी बैंकर्स की है तो उनके परिजनों के उचित भरण-पोषण हेतु वेतनवृद्धि हेतु सरकार क्यों ध्यान नही दे रही हैं।
इस दौरान ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप साहा ने बताया, पहले चरण में 9 व 17 मई को बैंक कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं जबकि आईबीए की शुरुआती ऑफर महज 2 फीसदी बढ़ोत्तरी का था, जिसे पूरी तरह खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यूएफबीयू ने 9 ऑफिसर्स और इम्प्लॉइज यूनियंस को मिलाकर बनाया गया है। इसमें ऑल इंडिया बैंक आफसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक इंपलाइज एसोसिएशन, नेशनल कंफ्रफेडरेशन आफ बैंक इप्लाइज, आल इंडिया बैंक आफसर्स एसोसिएशन, बैंक इंपलाइज फेडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इंप्लाइज आफिसर्स फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक आफसर्स कांग्रेस, नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स शामिल हैं। फोरम ने निर्णय लिया कि हड़ताल पर जाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
प्रदर्शन के दौरान शैलेन्द्र खजांची, विजय येचुरी, अशोक डे, पी के कुकरेती, दीपचंद जैन, अनुपम, अभिजीत, नागेंद्र,आशीष तिवारी, एम एम कापसे, रूप रतन सिंह, मोजेश, पप्पू मुखर्जी, विक्रम पुनिया सहित बैंक कर्मचारी व अधिकारी शामिल रहे।