
बिलासपुर/मध्य प्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी रमन सरकार किसानों को फसल बीमा की राशि को देकर उनके हालात का मजाक उड़ा रही है | रमन सरकार बिना बताये किसानों के खाते से सैकड़ों रुपए प्रीमियम राशि तो काट ले रही है, लेकिन अब मुआवजा देने के समय भीख के रूप में दो-चार रुपए दे रही है | आंकड़े तो यही बयां कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पांडेय ने रमन सरकार को लुटेरी सरकार बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार किसानों की खून चूस रही है | उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा सरकार के मिलीभगत से किसानों से करोड़ों रुपये लेकर उनकी फसल का बीमा करने वाली कंपनी इफ्को टोकियो ने सैकड़ों किसानों के साथ मजाक किया है. बीमा कंपनी ने फसल बीमा के एवज में किसानों के खाते में डेढ़, दो, चार, पांच रुपये ही नहीं बल्कि कुछ पैसे तक जमा किया है | यह रमन सरकार का किसानों के साथ भद्दा मजाक है |
उन्होंने कहा कि किसानों से प्रीमियम राशि लेते समय ना तो किसानों को पैसा काटने की जानकारी दी गई, ना ही क्लेम अमाउंट बताया गया | अब जब कंपनी को क्लेम देना पद रहा है तो किसानों को भीख के रूप में पैसा बाँट रही है | किसानों को न के बराबर रकम दी गई है | कई किसानों को तो अब तक पता नहीं कि कि उन्हें कितना क्लेम मिलेगा और कब राशि मिलेगी |
उन्होंने आश्चर्चय जताते हुए कहा कि प्रशासन के जिम्मेदार पद पर बैठे अफसर भी किसानों के मुद्दे पर बिलकुल लापरवाह है | उन्होंने कृष विस्तार अधिकारी से लेकर संयुक्त संचालक कृषि, सीईओ जिला पंचायत, एसडीएम समेत कई अफसरों से मुआवजा कि जानकारी लेनी चाही, लेकिन इन जिम्मेदार अफसरों ही आज तक फसल बीमा कंपनी इफ्को टोकियो से डाटा नहीं ले पाए हैं | उन्होंने कहा कि जब मैंने फसल का बीमा करने वाली कंपनी इफ्को टोकियो के मैनेजर से बात कि तो बताया कि सिंचित में प्रति हेक्टेयर 37 हजार और असिंचित में किसानों को प्रति हेक्टेयर 31 देने का प्रावधान है, लेकिन बीमा कंपनी क्लेम राशि में गड़बड़ करने में जुट गई है, सरकार भी बखूबी साथ निभा रही है |
रमन सरकार किसानों की आय की दुगुनी लाभ की बात करती है, तो क्या यही दुगुनी लाभ है जो किसानों को 4-4 और 10-10 रुपये के रूप में दी जा रही है । यह बेहद दुखद है कि खेती को लाभ का धंधा बनाने वाले मुख्यमंत्री खुद किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं करा पा रहे हैं । अब जब किसानों न्याय की गुहार लगा रहे हैं, किसान मदद के लिए सरकार के तरह देख रही है, तो रमन सरकार किसानों से मुंह मोड़ रही है | अब किसानों को मुआवजा के लिए प्रशासन के दरवाजे दर दर का ठोकर खाना पड़ रहा है | जिसका हिसाब किसान आने वाले चुनाव में करेगी |