
बिलासपुर। कर्नाटक चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ने कहा कि है, कर्नाटक विधानसभा में भाजपा की हठधर्मिता और राज्यपाल के अलोकतांत्रिक निर्णय की पराजय हुई। कांग्रेस ने कोर्ट के फ़ैसले का समर्थन करते हुए मांग की है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह को देश से माफी मांगनी चाहिए और राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर स्वयं ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
प्रेस नोट में प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पांडे,प्रदेश महामंत्री , ज़िला अध्यक्ष , शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, अभय नारायण राय और नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरुद्दीन ने एकमत में कहा कि भाजपा और उसके नेता जिस तरह की भाषा कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बोल रहे थे और संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति सभी मर्यादाओं को तोड़कर पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे थे, लोकतंत्र व्यवस्था को विषपान कराने जैसा था। वहीं उच्चतम न्यायालय के उचित समय पर दिशानिर्देश ने लोकतंत्र को बचाने में अहम भूमिका अदा की है, संवैधानिक पद पर बैठकर ऐसे निर्णय लेना जो पार्टी विशेष को फायदा देने के लिए लिया गया हो और पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय देना जबकि कर्नाटक विधान सभा चुनाव में भाजपा -104, कांग्रेस -78, जे डी एस-38 और अन्य को -2 सीट मिली हो, जहां भाजपा के पास बहुमत ही नही था अत्यंत ही खेद जनक निर्णय था।
कांग्रेस ने आगे कहा कि, राज्यपाल ने 15 दिनों का समय देकर अप्रत्यक्ष रूप से दल-बदल करने के लिए भाजपा को प्रोत्साहित किया। जो माननीय उच्चतम न्यायालय के सामने टिक न सका और अंततोगत्वा 48 घण्टे का मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। अब राज्यपाल ने विश्वास खो दिया, पद का दुरुपयोग करते हुए भाजपा के लिए काम करने के बाद उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए या महामहिम राष्ट्रपति द्वारा ऐसे पक्षपात करने के लिए उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए, जिससे जनता का विश्वास उस पद से ना डगमगाए।
सुप्रीम कोर्ट ने जनता व लोकतंत्र के अधिकार बचाये हैं…
जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने आगे कहा, कर्नाटक में बहुमत की संख्या राज्यपाल के सम्मुख पेश करने के बाद भी राज्यपाल ने कांग्रेस, जे.डी.एस. गठबंधन को सरकार बनाने आमंत्रित न कर भाजपा को सरकार बनाने हेतु आमंत्रित किया और बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का समय दिया। जिसको लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर बहुमत सिद्ध करने का समय दिया। जिसके तहत् आज कर्नाटक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने से पहले भी भारतीय जनता पार्टी की येदियुरप्पा सरकार का इस्तीफा हो गया। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र की रक्षा की और कांग्रेस लोकतंत्र की इस लड़ाई में कर्नाटक के जनता के द्वारा दिये गये जनादेश के साथ खड़ी रही।
कांग्रेसियों ने कहा, राज्यपाल के ऊपर पार्टीगत दबाव बनाया गया
बीजेपी को तंज कसते हुए कांग्रेसियों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ऐसे कार्यों के लिए जाने जाते हैं, लोकतंत्र का माखौल उड़ाने राजभवन का दुरूपयोग करने और राज्यपाल के ऊपर पार्टीगत दबाव बनाकर कार्यकर्ता की तरह कार्य कराने का कार्य उनके द्वारा किया जा रहा है। प्रोटेम स्पीकर के मामले में राजभवन की भूमिका और भी संदेह के घेरे में आ गई थी। जिसने एक विवादित व्यक्ति को जो विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए, गैर कानूनी ढंग से भाजपा सरकार को बचाने का काम किया था। ऐसे व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर बना दिया गया है।
लोकतंत्र का अर्थ बदल दिया बीजेपी ने : अभय
वहीं कर्नाटक मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ इस देश के संविधान में ‘‘जनता का-जनता के लिए-जनता के द्वारा’’ माना जाता है जिसे वर्तमान में बदलकर भारतीय जनता पार्टी ने ‘‘आर.एस.एस. का मोदी के लिए अमित शाह के द्वारा कर दिया गया है’’ लोकतंत्र में प्रत्येक संविधानिक संस्था को नये मुहावरों के तहत चलाने का प्रयास अमित शाह और मोदी की जोड़ी कर रही है। आज कर्नाटक में लोकतंत्र की जीत हुई, सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान बढ़ा और कनार्टक के मतदाताओं के द्वारा दिया गया जनादेश जीत गया। कांग्रेस ऐसे कृत्य की निंदा करती है। मान. राहुल गांधी ने कर्नाटक के जनता की लड़ाई, लोकतंत्र के रक्षा की लड़ाई लड़ी।