
बिलासपुर/नगर निगम का अनियमितता भ्र्ष्टाचार और विवाद से चोली दामन का साथ है।इन्हें मालूम है कि शहर विधायक विभागीय मन्त्री भी हैं और इस लिहाज से निगम के अच्छे बुरे हर काम के साथ उनका नाम अवश्य जोड़ा जाएगा इसलिए शायद मंत्री अमर अग्रवाल से किसी बात का बदला लेने के लिए ये कोई न कोई उटपटांग हरकत करते रहते हैं। करीब चार साल से नगरवासी सड़क के नाम पर गड्ढ़ों में चल रही है और अपने आप को कोस रही है कि जाने किस मुहूर्त में उन्होंने नगरनिगम की सत्ता ऐसे लोगों के हाथों में सौंपी कि उन्हें उसकी तरफ से सिर्फ परेशानियां मिल रही हैं।निगमसत्ता और अधिकारी इतनी अच्छी किस्मत लेकर आए हैं कि उनके भ्र्ष्टाचार के लिए कहीं न कहीं से रास्ते निकल आते हैं।केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वस्थ भारत के अंतर्गत पहले तो कई पार्षद सफाई के ठेकेदार बन गए और अब कचरा संग्रहण के नाम पर नगर निगम द्वारा नगरवासियों को डस्टबिन प्रदान की जा रही हैं उन्हें ऊँची दर पर दो सौ रुपये से अधिक में खरीदा गया है उनकी हालत अभी से खराब है इससे अच्छी क्वालिटी का डस्टबिन इससे कम दाम में बाज़ार में मिल रही हैं।कांग्रेस पार्षद शैलेन्द्र जायसवाल ने डस्टबिन दिखाते हुए इनकी खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है।उनका कहना है कि अधिकांश नगरवासियों के यहाँ डस्टबिन हैं सभी को डस्टबिन देने की आवश्यकता नहीं थी परंतु सिर्फ भ्र्ष्टाचार के लिए डस्टबिन खरीदा गया है वह भी अच्छी कम्पनी का नहीं है।कांग्रेस को बैठे बिठाये एक मुद्दा मिल गया है।