
बिलासपुर। पत्थरगढ़ी मामले में आदिवासी व पूर्व आईएएस अफसर की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करते हुए आदिवासी समाज ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर गिरफ्तारों की रिहाई की मांग की है।
एसटी, एससी, ओबीसी महासंघ ने कहा, संवैधानिक लेख पत्थर गढ़ी के समर्थन में आदिवासी समाज के मुखिया एवं संगठन शांतिपूर्वक चला रहे थे, उन्होंने पत्थरगढ़ी को आदिवासियों की संस्कृति एवं संवैधानिक अधिकार बताते हुए कहा कि, कुछ असामाजिक व बाहरी तत्वों द्वारा पत्थरगढ़ी में तोड़फोड़ की गई जिससे आदिवासी समाज आक्रोशित है।
इस दौरान गिरफ्तार हुए आदिवासी नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए उन्होंने पत्थरगढ़ी में आदिवासियों की, की गई गिरफ्तारी को निरर्थक बताते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सभी की जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है। इस दौरान अंबेडकर युवा मंच समेत अनेक कई संगठनों ने आदिवासी समाज की बालिका को 2 वर्षों से प्रताड़ित करने के मामले में पुलिसकर्मी एएसआई शैलेंद्र सिंह एवं उसकी शिक्षिका पत्नी को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। अंबेडकर युवा मंच के पदाधिकारियों ने नेहरू चौक से रैली निकली जिसे जिला प्रशासन द्वारा वहीं रोक दिया गया। प्रशासन की ओर से तहसीलदार अमित सिन्हा द्वारा ज्ञापन लिया गया।
सर्व आदिवासी समाज द्वारा पत्थरगढ़ी के समर्थन में जरहाभाठा छात्रावास से रैली निकाली गई। नेहरू चौक में रैली ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज ने राज्य शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कोरबा, रायगढ़ पत्थरगढ़ी मामले में गिरफ्तार हुए, समाज के लोगों को बिना किसी शर्त रिहा करने की मांग की है।
इस दौरान आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा, शासन से अपना दर्द बयान करना छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज के लिए महंगा साबित हो रहा है, शासन को समाज की परवाह नहीं है।