
रायपुर। संविलियन हर हाल में, प्रदेश के शिक्षाकर्मियों का मिज़ाज अब बदलने लगा है संविलियन का विरोध करने शिक्षाकर्मी नये-नये हथकंडे अपना रहे हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए संविलियन को लेकर सरकार की उदासीनता का विरोध करने प्रदेश शिक्षाकर्मी सेल्फी विद कम्युनिटी का सहारा ले रहे हैं।
इसकी जानकारी देते हुए शिक्षक पं ननि मोर्चा छग के प्रांतीय संचालक विरेन्द्र दुबे ने कहा, शिक्षाकर्मी यानि शिक्षक एक सामाजिक प्राणी है समाज में शिक्षक की बात को बड़ी गंभीरता से सुनी जाती है और उसके सुझाव को अमल भी किया जाता है। हम कम्युनिटी के बीच जाकर संविलियन की मांग पर समर्थन हासिल कर रहे हैं और मतदाता जागरुकता का भी कार्य कर रहे हैं। मितानिन बहनें भी शोषित हैं और शिक्षाकर्मियों की समस्याओं से भी अवगत हैं। काम का सही दाम अधिकार है, हम शिक्षक है तो हमे शिक्षक के वेतन भत्ते अधिकार व सुविधाएं हमें मिले जो केवल संविलियन से संभव है। उसी तरह मितानिन बहने भी प्रदेश की बेटियां हैं इन्हें भी इनके परिश्रम का उचित फल मिलना चाहिए इनकी मांग भी जायज़ है।
शिक्षक पं ननि मोर्चा की प्रान्तीय उपसंचालक डॉ सांत्वना ठाकुर ने सेल्फी विद कम्युनिटी अभियान को संविलियन के लिए मिल रहे भारी जनसमर्थन की अभिव्यक्ति बताते हुए कहा, समाज की नजरों में शिक्षक और शिक्षाकर्मी दोनों के कार्य समान हैं, तो शिक्षाकर्मियों के साथ शोषण नहीं होना चाहिए, यह समर्थन हमें कम्युनिटी के माध्यम से मिल रही है। प्रदेश के आम नागरिक, विभिन्न संगठन, और संस्थाएं हमारी मांगो का समर्थन करते हुए जल्द से जल्द हम शिक्षाकर्मियों के संविलियन की बात कह रही हैं। अब सरकार को विलम्ब नहीं करना चाहिए।
बहरहाल इन सभी हालातों पर यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या सरकार संविलियन के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ेगी.?