बिलासपुर/(शशांक दुबे )-कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को पंजीयन पश्चात अभी चुनाव चिन्ह भी नहीं मिला है। इसके बावजूद कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व व उनके खास सलाहकारों को मरवाही में अपने अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा के लिए कदम कदम पर संघर्ष करना पड़ रहा है। राहुल गांधी की सभा को प्रदेश कांग्रेस ने वन अधिकार सभा का नाम दिया है और मरवाही ही नहीं पूरे प्रदेश में आदिवासी नेता के रूप में अजीत जोगी को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं।
प्रश्न उठता है कि जोगी गांधी की सभा में इतनी अड़चन क्यों डालेंगे
कोटमी जहां कार्यक्रम होना है, वहां जोगी कांग्रेस ने आसपास के मैदान बुक कर लिए, बिलासपुर क्षेत्र की टैक्सी कार यहां तक की टाटा मैजिक तक किराए पर ले ली होटल, रेस्तरां तो बुक है ही। छत्तीसगढ़ में राजनीति के जानकार यह बताते हैं कि जोगी की निजी खुन्नस भूपेश बघेल से है और उनके सलाहकार अटल से है, कांग्रेस की राह में जोगी जितना अर्चन डालेंगे बघेल अटल का आत्मविश्वास उतना लड़खड़ाता जाएगा क्योंकि अड़चन तो क्षेत्र में है कि भूपेश अटल की नाकामी के किस्से व खबर से अख़बार भरे हैं, भाजपा कांग्रेस की हालत पर रोज चुटकी ले रही है।
कांग्रेस में जब जोगी को दमखम कम हो रहा था तब वर्ष 2013, तब भी कोई नेता या पदाधिकारी उनसे बेअदबी नहीं करता था। पर बिलासपुर के नेता अटल जो पार्षद चुनाव भी ना जीत सके उन्होंने जोगी को कई बार भी मीटिंग में और सार्वजनिक स्थान पर कटू नागवार गुजरने वाली स्थिति में डाला। एक बार राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आए तो हेलीपैड पर जोगी की व्हीलचेयर को एंट्री नहीं मिली। तब भी जोगी का अटल से कटु संवाद हुआ और अटल ने उन्हें ऐसा कुछ कहा जो जोगी को अंदर तक चुभा। दूसरा मौका जोगी को राहुल के मंच पर स्थान नहीं मिला तब भी जोगी का यही मानना था कि या बघेल अटल की करामात थी। फिर तीसरा मौका था प्रत्याशी चयन की बैठक जहां अटल जोगी के साथ बेज्जती वाली बातें कही। घटना खूब वायरल हुई और उस दिन तो लोग बताते हैं कि यदि समय रहते अटल ने रायपुर छोड़ा ना होता तो जोगी के चाहने वाले अपने नेता के अपमान का बदला अटल से लेते। वर्ष 2017 में फाइनल टर्न जब जोगी कांग्रेस छोड़ रहे थे तब अटल ने बिलासपुर से प्रदेश कार्यालय तक जो जश्न मनाया वह कटुता को दुश्मनी में बदलने वाला है।अब मौका है राहुल गांधी के सामने यह दिखाने का कि उन्होंने प्रदेश में जिस व्यक्ति को पार्टी की कमान दी है वह कितना लायक है है।
बघेल के संदिग्ध सलाहकार मरवाही बिलासपुर आना राहुल की नीतिगत मजबूरी है जिसे टाला जा सकता था, राहुल का दौरा जिले में बियर के झाग के समान होगा, जिले में कांग्रेस के किसी नेता में वह योग्यता नहीं जो झाग को बनाकर रखें राहुल गए झाग शांत। कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय में छत्तीसगढ़ के मैदान व जंगल की जो जानकारी है उसका स्रोत अटल का एक पूर्व मित्र है, जिसने एक वक्त यूपीए के शासन में पीएमओ कार्यालय को बहुत नुकसान पहुंचाया, बताते हैं कि यह सलाहकार एक वक्त भाजपा का ख़ास था और प्रमोद महाजन की टीम का व्यक्ति था आज कांग्रेस प्रदेश में वैचारिक रूप से इतनी खाली है कि उसे जानकारी व नीति के लिए आरएसएस और वामपंथी दिमाग किराए पर लेना पड़ता है। जोगी को जाति का मामला लड़ने वाला भाजपाई अब बघेल का खास है और तेंदूपत्ता मामले में इन्ही की कृपा से हवाई यात्रा कर रहा है।
ये ही वो टीम है जिसने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मरवाही में फंसाया है राहुल छत्तीसगढ़ के आदिवासी समस्या पर वही बोलेंगे जो इन सलाहकारों की सूचना है। और यह सूचनाएं एकांगी है मरवाही में आदिवासी क्षेत्र की जो तस्वीर बघेल एंड कंपनी बना रही है वह कांग्रेस के लिए एक एंबुश के समान है जो भाजपा माइंड ने रच दिया है।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के थिंक टैंक जानते हैं कि राहुल को बघेल अटल जिस कालीन पर लायेंगे वो उन्हीं के साथ चला जायेगा और जोगी-जोगी का नाता मरवाही से नवा-खाई से है यह टूटता ही नहीं।