बिलासपुर। सरकार द्वारा ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाओं में मदद के लिए शुरू की गई स्मार्ट कार्ड की सुविधा अब अस्पतालों की कमाई का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। आलम ऐसा की अब बिना जरूरत ही केवल रकम के लिए मरीजों का ऑपरेशन कर दिया जाता है। मामला सामने आया है कि स्मार्ट कार्ड से रकम कमाने जबरन ग्रामीणों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा रहा। जिसके कारण 10 लोगों की आंखों की रोशनी गायब हो गयी जबकि 80 से ज्यादा मरीजों की परेशानी और बढ़ गई वहीं आपरेशन के बाद अभी तक दस मरीजों को दिखना बंद हो गया है।जनता जोगी कांग्रेस के प्रदेशप्रवक्ता मनीशंकर पांडेय ने जारी प्रेस नोट में यह बातें उठाई है, उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सज़ा दिलाने की मांग की है।
देवभोग में यह लापरवाही सामने आई है जहां मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 10 लोगों ने अपनी आंखें खो दी हैं इस उम्मीद से की उनकी आंखे पहले से बेहतर हो जाएंगी मोतियाबिंद ऑपरेशन होने के बाद दुनिया और खूबसूरत दिखेगी, पर शायद ऑपरेशनकर्ताओं को यह नागवार गुजरा जिन्होंने मरीज़ों की ज़िंदगी में हमेशा हमेशा के लिए अंधेरा कर दिया। बताया जा रहा है कि यहां स्मार्ट कार्ड से मोतियाबिंद का ऑपरेशन गिरोह स्वास्थ्य विभाग से मिलीभगत कर सक्रिय हैं। जो अकेले देवभोग में पिछले पांच साल में पांच सौ से ज्यादा मरीज़ों का ऑपरेशन करवा चुके हैं। ग्रामीणों को गुमराह करके कराया जा रहा है इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार देवभोग सीएचसी में नेत्र विभाग ओपीडी में 14 माह में 85 लोग अपने आंखों की तकलीफ से छुटकारा पाने पहुंचे, जिनमें से 10 ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखों की रोशनी खत्म हो रही है। सरकारी इलाज करा रहे इन सभी पीड़ितों की एक ही कहानी है। इन्हें गुमराह कर राजधानी के विभिन्न नेत्रालयों में ले जाया गया। सभी का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ, लेकिन ऑपरेशन के बाद लोगों को इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।