बिलासपुर। प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों द्वारा 11 मई को रायपुर में एकजुट होकर महापंचायत आयोजित किया जायेगा। इसके लिए अनुमति लेने शिक्षाकर्मी मोर्चा संघ के पदाधिकारी कलेक्टर के पास पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षक महापंचायत में शामिल होने राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। उल्लेखनीय है कि एसएसए के आबंटन की मांग को लेकर प्रतिनिधि मंडल ने मिशन संचालक से मुलाक़ात करमहापंचायत की अनुमति के लिए प्रशासन को अपना आवेदन सौंपा। कलेक्टर ओपी चौधरी ने शिक्षाकर्मियों को आश्वस्त किया है कि वो 11 मई के प्रस्तावित महापंचायत के स्थान के लिए उच्चाधिकारियों से बातचीत के बाद निर्णय लेंगे।
शिक्षाकर्मी मोर्चा ने कलेक्टर ओपी चौधरी से मुलाकात कर राजाधानी के बुढ़ातालाब स्थित धरनास्थल में महापंचायत की अनुमति मांगी थी। शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, उप संचालक धर्मेश शर्मा सहित मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर ओपी चौधरी से महापंचायत की अनुमति के लिए मिला, प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश संचालक विरेन्द्र दुबे के नेतृत्व में सर्वशिक्षा अभियान के नवपदस्थ डायरेक्टर एस प्रकाश से एसएसए मद के वेतन भुगतान में हो रहे अत्यंत विलम्ब को लेकर विचार विमर्श किया साथ ही तत्काल वेतन भुगतान की मांग की, जिस पर एस प्रकाश ने बताया कि 3 माह के वेतन आबंटन का प्रस्ताव वित्त विभाग को दिया जा चुका है जैसे ही वित्त विभाग की स्वीकृति मिलती है जिलों को आबंटन जारी कर दिया जायेगा।
इस दौरान प्रांतीय संचालक ने बताया कि शिक्षक पंचायत नगरी निकाय मोर्चा राज्य में कार्यरत 1.80 लाख शिक्षाकर्मियों का साझा मंच है, मोर्चा के समस्त शिक्षाकर्मियों के स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन की प्रमुख मांग को लेकर 20 नवंबर से 4 दिसम्बर 2017 तक राज्य में अनिश्चितकालीन शाला बहिष्कार कर आंदोलन किया था जिससे राज्य में पूर्ण शालाबंदी की स्थिति निर्मित हो गई थी, प्रशासन ने आंदोलन को अनुमति प्रदान नहीं की तथा रायपुर में धारा 144 लगा दी गई, पूरे राज्य में पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया तथा लोगों को राजधानी पहुंचने से रोका गया, सरकार ने आंदोलन के दमन का हर संभव प्रयास किया पदाधिकारियों सहित कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया गया, किंतु सरकार आंदोलन को तोड़ नहीं पाई हम अपनी मांगों पर कायम हैं।
उन्होंने आगे बताया कि मोर्चा ने छात्र हित में शून्य पर 4 दिसम्बर 2017 को आंदोलन स्थगित किया तथा सरकार ने भी तुरंत समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 8 सदस्य उच्च स्तरीय समिति का गठन किया समिति ने निर्धारित 3 माह के कार्यकाल के स्थान पर 5 माह में भी सरकार को प्रतिवेदन नहीं सौंपा, ना ही सरकार ने अब तक कोई सार्थक समाधान कारक निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि संवर्ग के 1.80 लाख शिक्षाकर्मी बेहद असंतुष्ट तथा आक्रोशित हैं राज्य में केवल शिक्षाकर्मी संवर्ग ऐसा संवर्ग है जिसे विगत 2 वर्षों में किसी भी तरह का आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है। जुलाई 2016 से अब तक महंगाई भत्ते की एक किस्त तक नहीं दी गई है जबकि अन्य कर्मचारियों को सातवां वेतनमान भी दिया गया है। प्रांत संचालक ने कहा कि मोर्चा ने निर्णय लिया है कि 11 मई 2018 को राजधानी रायपुर में संवर्ग के कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर स्थिति की समीक्षा करेंगे तथा आगे की रणनीति तय कर अपना प्रदर्शन करेंगे।