बिलासपुर। विगत दिनों एएसआई द्वारा आदिवासी नाबालिग को अपने घर में डरा धमकाकर बंधक बनाए रखने का मामला सामने आया था। जिसके पश्चात पुलिस ने एएसआई के घर दबिश देकर नाबालिग को थाना ले गई इसके बाद से एएसआई लापता है। एएसआई की इस करतूत के विरोध में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कर राष्ट्रीय जनजाति आयोग और छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस जवाबदेही प्राधिकारी दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि नाबालिग गंगलूर, बीजापुर (बस्तर) की रहने वाली है जिसे बिलासपुर के सिविल लाइन थाना में पदस्थ एएसआई और उसकी शिक्षक पत्नी ने 2 वर्षों से बनाया था। बंधक नाबालिग के पिता एएसआई के कब्ज़े में हैं इस कारण उस पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
यह खबर तब सामने आई जब बच्ची के साथ हो रहे अत्याचार की सूचना हेमलता नाम की एक महिला द्वारा महिला हेल्पलाइन को दी गयी, जिसके बाद महिला हेल्प लाइन ने सखी केंद्र के लोगो को संपर्क करके बच्ची को एएसआई शैलेंद्र सिंह के घर से ताला तोड़कर छुड़वाया। छुड़वाने पर बच्ची की हालत बेहद गंभीर पाई गई। उसकी बायें आँख खून के थक्के से भरी हुई थी, आंखों के नीचे-ऊपर काला हो गया था, और दायां गाल भी काला पड़ा हुआ था । दाएं हाथ की छोटी उँगली सूजी व टेढ़ी पड़ी थी और बच्ची लगातार रोये जा रही थी। लड़की का एमएलसी भी काराया गया है जिसमें इन चोटों का साफ़ साफ़ वीरान किया गया है और कारण भी अंकित है की यह छोटे मारने के कारन आई है। उन्होंने बताया कि शुरुवात में पुलिस इस केस में मदद कर रही थी, लेकिन शाम होते होते पुलिस विभाग द्वारा मामले को रफा दफा किये जाने की कोशिश होने लगी। अगले दिन तक एफ.आई.आर दर्ज नही हुई थी उन्होंने बताया कि 4 मई को जब हममें से कुछ लोग लड़की के साथ थाना गए तब काफी मशक्कत के बाद रात 9 बजे के आस पास कार्यवाही के तौर पर एक FIR दर्ज हो सकी।
मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ता अधिवक्ता दिव्या जैसवाल प्रियंका शुक्ला, निकिता, नंद कश्यप पीयूसीएल नीलोत्पल शुक्ल ने बताया कि यह एक अकेली घटना नहीं है, यह भी सुनने में आ रहा है कि शैलेन्द्र सिंह व उसकी पत्नी शशि सिंह के खिलाफ दंतेवाड़ा में पदस्थ रहने के दौरान भी कई मामले सामने आए थे। जिनमें से एक मामले की जांच तो खुद दंतेवाड़ा के पदस्थ अपर कलेक्टर लीना मंडावी द्वारा की गई थी।जिस वक्त दंतेवाड़ा में यह सब घटनाएं शैलेन्द्र सिंह व उनकी पत्नी शशि सिंह के द्वारा घट रही थी, उस वक्त ये दोनों सुरभी कॉलोनी दंतेवाड़ा में रहते थे। कई मामलों में से एक मामले में इन दोनों ने एक आदिवासी के बच्चे को अपने पिता के पास बंधुआ के तरह रखा था व एक अन्य युवती जिसका नाम सविता हेमला है, उसको अपने पास कई साल तक रखा था, मामला सामने आने पर क्षेत्रीय लोगो द्वारा शिकायत करी गयी थी। दंपत्ति के खिलाफ शिकायतें लगातार चलते आ रही है। इस तरह की घटना को अंजाम देना और आरोपी का बच निकलना व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
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