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सेंट्रल यूनिवर्सिटी:परीक्षा कक्ष में टॉर्च लेकर पहुंचे छात्र, बांटी मोमबत्तियां

बिलासपुर। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पिछले 2 दिनों से द्वितीय पाली में इस सेमेस्टर की परीक्षा दिला रहे सेमेस्टर की परीक्षा दिला रहे छात्रों को अंधेरे में परीक्षा दिलाना पड़ रहा है. 1 मई की परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने व प्रशासन द्वारा इस स्थिति से निपटने कोई और वैकल्पिक व्यवस्था ना होने के कारण आक्रोशित छात्रों ने ज्ञापन सौंपकर  छात्रों की असुविधा को देखते हुए हर परीक्षा केंद्र में आपातकालीन स्तिथि से निपटने के लिए इमरजेंसी लाइट या जनरेटर उपलब्ध कराने की मांग की थी. इसपे कुलसचिव ने छात्रों की मांग पर व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था.
इन सब के बावजूद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं  की प्रशासन से नाराज़ छात्रों ने ख़ुद ही मोमबत्ती बांटने का निर्णय लिया जबकि एक छात्रा परीक्षा में टॉर्च लेकर आई. ताकि बिजली गुल होने की स्थिति में उसे प्रश्नपत्र हल करने में कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े.
इस तरह गुरुवार को भी छात्रों को को अंधेरे में ही प्रश्न-पत्र हल करना पड़ा. प्रशासन की इस अव्यवस्था एवं लापरवाही के विरोध में 3 मई को छात्रपरिषद के पदाधिकारी, समस्त सदस्यगणों के साथ इस मुद्दे को लेकर कुलसचिव को घेरने उनके कार्यालय पहुंचे. छात्रनेताओं ने कुलसचिव से यह प्रश्न किया कि विश्वविद्यालय परिसर में कितने परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं तथा उनमें से किस-किस केंद्र में जनरेटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. जिस पर कुलसचिव ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया एवं छात्र-परिषद अध्यक्ष उदयन शर्मा, पूर्व अध्यक्ष मेघेन्द्र शर्मा द्वारा पुनः पूछने पर अभद्रतापूर्वक व्यवहार करते हुए बाहर जाने कह दिया.
इससे सभी छात्र भड़क गए और हंगामा करने लगे, छात्रों की उग्रता देख कुलसचिव ठंडे पड़ गए जिसके बाद फिर से उनसे सवाल पूछा गया तो उन्हें यह भी ज्ञात नही था कि कितने परीक्षा केंद्र है वे अगल-बगल अधिकारियों का मुँह ताकने लगे. इसके पश्चात पदाधिकारियों ने कुलसचिव से पुनः जवाब मांगा जिस पर कुलसचिव ने सुरक्षा अधिकारियों को छात्रों को बाहर ले जाने कह दिया परंतु छात्र जवाब के लिए अड़े रहे.
इसके पश्चात छात्र कल्याण अधिष्ठाता एम.एन. त्रिपाठी, परीक्षा नियंत्रक एच.एन. चौबे समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और मौसम का हवाला देते हुए बात को टालने की कोशिश करने लगे जिस पर छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए एवं उनसे तुरंत ही परीक्षा केंद्रों में जनरेटर एवं LED की व्यवस्था करने की मांग की.
मीडिया प्रभारी : तीन जनरेटर की व्यवस्था की गई, जनरेटर अदृश्य
छात्रनेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय की आधिकारिक मीडिया प्रभारी डॉ. प्रतिभा जे मिश्रा द्वारा समाचार-पत्रों में यह स्पष्ट कहा गया था कि प्रशासन द्वारा सेमेस्टर परीक्षा के लिए तीन जनरेटर की व्यवस्था की गई है अगर व्यवस्था की गई है तो कहा है वह जनरेटर जिस पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता ने समाचार पत्रों की बातों को व्यर्थ बताकर उसे झूठा कथन कहा.
जनरेटर प्रशासनिक सेवा में..
मुख्य परीक्षा नियंत्रक एच. एन. चौबे ने बताया कि विश्वविद्यालय में उपलब्ध जनरेटर प्रशासनिक भवन में लगे हुए हैं. परीक्षा केंद्रों में नहीं जबकि जनरेटर की ज्यादा जरूरत परीक्षा केंद्रों में थी. मुख्य परीक्षा नियंत्रक के बयान इतना सुनते ही छात्र आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करते हुए कह की अगर प्रशासन छात्रों की व्यवस्था करने में असमर्थ है तो छात्र-परिषद छात्र-छात्राओं को मोमबत्ती वितरण करेगा जिस पर कुलसचिव एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता सभी पदाधिकारियों को नेतागिरी ना करने की सीख देने लगे.
विश्वविद्यालय ने व्यवस्था बनाने दिए आश्वासन
इसके पश्चात विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को बुलाता गया एवं प्रशासन द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि जनरेटर एवं लाइट की सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही छात्रों को कहा गया कि 2 बजे की परीक्षा शुरू होने के पहले वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाएगी. जिसके बाद सभी छात्र-छात्रा ज्ञापन सौंप कर वापस आ गए।
ज्ञापन देकर लौटे की अन्य विभागों में गुल हुई बिजली
छात्र जैसे ही ज्ञापन देकर लौट रहे थे वैसे ही सूचना मिली की फार्मेसी, भौतिकी, UTD बिल्डिंग में फिर से बिजली गुल हो गई है जहां अब तक कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई है। जिस पर मौके पर पहुंचकर छात्र-परिषद पदाधिकारियों, सदस्यों ने परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं को मोमबत्ती एवं पोस्टर वितरित कर विश्वविद्यालय प्रशासन की अव्यवस्था का विरोध किया.
कुछ जगह छात्र-छात्राएं स्वयं ही घर से टॉर्च एवं मोमबत्ती लेकर आए थे जिनसे पूछने पर छात्रों ने बताया कि प्रशासन की इस अवव्यस्था के कारण उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है जिसकी भरपाई उन्हें स्वयं ही करनी होगी।
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