
बिलासपुर। विश्वविद्यालय परिसर में बिजली गुल हो जाने के कारण दूसरी पाली में परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं को अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी थी. जिस पर छात्र-परिषद के छात्रों द्वारा ज्ञापन सौंपकर ऐसी स्थिति में बेहतर व्यवस्था बनाने व इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था करने की मांग की गई थी. इसकी व्यवस्था बनाने कुलपति ने दिया था. पर कुलसचिव के आश्वासन के पश्चात भी दिनांक 2 मई को प्रशासन द्वारा ऐसी कोई भी व्यवस्था नही की गई जिसकी वजह से कल की परीक्षा में भी छात्रों को अंधेरे में ही प्रश्न-पत्र हल करना पड़ा था.
छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय की आधिकारिक मीडिया प्रभारी द्वारा समाचार-पत्रों में यह स्पष्ट कहा गया था कि प्रशासन द्वारा सेमेस्टर परीक्षा के लिए तीन जनरेटर की व्यवस्था की गई है अगर व्यवस्था की गई है तो कहा है वह जनरेटर जिस पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता ने समाचार पत्रों की बातों को व्यर्थ बताकर उसे झूठा कथन कहा.
इस बात पर मुख्य परीक्षा नियंत्रक एच.एन.चौबे ने कहा कि विश्वविद्यालय में उपलब्ध जनरेटर प्रशासनिक भवन में लगे हुए है परीक्षा केंद्रों में नही इतना सुनते ही छात्र आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करते हुए छात्रनेताओं ने कहा कि यह घटना साबित करता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी छवि सुधारने के लिए मीडिया द्वारा पूछे गए व्यवस्था संबंधी प्रश्न पर झूठे एवं बनावटी उत्तर देकर सभी को गुमराह कर रहा है.
छात्र-परिषद के पदाधिकारियों ने प्रशासन से यह कहा कि अगर प्रशासन छात्रों की व्यवस्था करने में असमर्थ है तो छात्र-परिषद छात्र-छात्राओं को मोमबत्ती वितरण करेगा जिस पर कुलसचिव एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता सभी पदाधिकारियों को नेतागिरी ना करने की सीख देने लगे.
इसके तत्पश्चात विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को बुलवाया गया एवं प्रशासन द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि जनरेटर एवं लाइट की सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएगी एवं यह भी आश्वश्त किया कि 2 बजे की परीक्षा शुरू होने के पहले वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी इसके पश्चात सभी छात्र-छात्राएं ज्ञापन सौंप कर लौट गए.