
बिलासपुर। सार्वजनिक शौचालय बनाने का काम करने वाले मजदूरों को जिम्मेदार कार्यपालन सचिव द्वारा काम होने के बाद भी पैसे नहीं दिए जा रहे हैं, आधा रकम देकर ही मजदूरों को सचिव सन्तुष्ट करना चाहता है पर मजदूरों ने जब इसका विरोध किया तो सचिव द्वारा उन्हें झूठे केस में फंसाने व जेल भेजने की धमकी दी जा रही है, सचिव की इस हठधर्मिता से हारकर मजदूरों ने स्थानीय थाना प्रभारी को इस मामले की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने की अपील की है।
पूरा मामला ग्राम धुमा का है जहां राज्य शासन की योजना के अनुसार संचालित शौचालय निर्माण में ग्राम धूमा के सचिव दयाराम टंडन के अधीन रहकर एक शौचालय निर्माण के प्रति 21 सौ रुपये के दर से मजदूरों ने इस काम को किया, इस तरह कुल 2 सौ 30 शौचालय पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया है।
मजदूरों ने बताया इस कार्य का मजदूरी भुगतान 4 लाख 83 हज़ार रुपये कुल हुआ, जिसमें से सचिव ने मजदूरों को 2 लाख 50 हज़ार भुगतान किया जबकि बाक़ी के रकम 2 लाख 33 हज़ार देने से वह झिझक रहा है।
मजदूरों ने बताया कि बची हुई राशि सचिव गयाराम टंडन से मांगे जाने पर वह गाली गलौज एवं मारपीट करने को उतारू हो जाता है और अभद्र व्यवहार करते हुए पैसे नहीं देने की बात कहते हुए झूठा केस में फंसाने और जेल भेजने की धमकी देता है। मजदूरों ने बताया कि वह पूरी तरह रोजी-मजूरी से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। लेकिन ग्राम सचिव के द्वारा उनके मेहनत का पैसा जो राज्य शासन से अनुदान प्राप्त हुआ है उसे अकेले हड़पने की नियत रोजी का भुगतान नहीं कर रहा जबकि इस कारण सारे मजदूर आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं।
इस अवसर पर त्रिलोकी नाथ टंडन, मनराखन धीरज, देवकुमार खूटे, राकेश टंडन, जयकुमार खूटे, प्रदीप कुमार, सनी कुमार कुर्रे, जमुना धर, गंगाधर दिवाकर राजमिस्त्री एवं रेजा गीताबाई, कुंभली जबोला बाई, कुली मोंटी, चेतन, गोलू, नागेश्वर, रामेश्वर ने इस मामले की शिकायत सिरगिट्टी थाना प्रभारी को देकर आरोपी सचिव के विरोध में कार्रवाई करने की मांग की है।